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टी-20 में सक्सेस का गुजरात मॉडल:GT ने स्पेशलिस्ट से ज्यादा मल्टी टास्किंग प्लेयर्स चुने

अहमदाबाद। गुजरात टाइटंस ने अपने पहले ही सीजन में IPL खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। 2008 के बाद पहली बार किसी टीम ने यह कारनामा किया है।

2008 में राजस्थान रॉयल्स पहले ही सीजन में चैंपियन बनी थी। गुजरात की यह जीत भले ही चौंकाने वाली लग सकती है, लेकिन ग्लोबल क्रिकेट के ताजा ट्रेंड पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि गुजरात के पास खिताब जीतने के लिए जरूरी तमाम असलहे मौजूद थे। चलिए उन सभी पहलुओं पर नजर डालते हैं जिसने गुजरात को IPL का टाइटन बना दिया। आगे बढ़ने से पहले पोल में हिस्सा जरूर लें।

IPL 2022 के लिए फरवरी में मेगा ऑक्शन का आयोजन हुआ था। ऑक्शन के बाद तमाम एक्सपर्ट्स इस बात पर एक मत थे कि गुजरात की टीम में गहराई नहीं है। यानी उनका मानना था कि GT लीग में बहुत अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाएगी।

कारण यह था एक-दो खिलाड़ियों को छोड़कर गुजरात के पास कोई बड़ा नाम नहीं था। अब जबकि टूर्नामेंट खत्म हो चुका है, हम पाते हैं कि बड़ा नाम न होना ही गुजरात का प्लस पॉइंट था। टीम में मल्टी टास्किंग करने वाले खिलाड़ियों की भरमार थी। यानी, ऐसे खिलाड़ी ज्यादा थे जो एक से अधिक भूमिका निभा सकते थे।

कामचलाऊ ही सही टीम के पास हर मैच में कम से कम चार ऑलराउंडर होते थे। साथ ही टीम के दोनों विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा और मैथ्यू वेड टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी करने में सक्षम थे। गुजरात की यह खासियत पिछले टी-20 वर्ल्ड कप में खिताब जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम से काफी मिलती-जुलती है। ऑस्ट्रेलिया के पास भी मिचेल मार्श, मार्कस स्टोइनिस और ग्लेन मैक्सवेल जैसे मल्टीटास्कर मौजूद थे।

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