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रबिया लाइब्रेरी का शुभारंभ करने के बाद मुख्य अतिथि पूर्व लोक शिक्षण आयुक्त एल एस बघेल

कसरावद। मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग के सेवा निवृत्त एक अधिकारी ने मीडिया के अपने 38 वर्ष के शानदार कैरियर के बाद अकेले ही एक नवाचार करते हुए समाज सेवा की अनूठी मिसाल पेश की है । इन्होंने सेवा निवृत्ति के बाद अपने प्रोविडेंट फंड से मिले पैसों से 4 लाख रूपए से अपने गृह नगर खरगोन जिले के कसरावद में राबिया लाइब्रेरी की स्थापना की है ।राबिया लाइब्रेरी इस अंचल के उन गरीब छात्रों के लिए वरदान है जो शहर जा कर  महंगी कोचिंग या महंगी प्रातियोगी पुस्तकों के लिए तरसते है। ये पूर्व अधिकारी है आदिल खान ।जनसंपर्क विभाग ओर नर्मदा घाटी विकास विभाग में अति उत्कृष्ट सेवाओं के बल पर शासन ने इन्हे 5 वर्ष का सेवा विस्तार ओर 3 वर्ष मीडिया सलाहकार  नियुक्त किया ।

नर्मदा घाटी विषय पर आदिल खान की दो महत्वूर्ण पुस्तके - विवाद ,विरोध और विकास की नर्मदा ( राजकमल प्रकाशन नई दिल्ली) और Re discovering Narmada valley ( Niyogi books new Delhi ) प्रकाशित हो चुकी है। आदिल खान को मध्य प्रदेश के मीडिया और सरकारी क्षेत्र में नर्मदा मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। राजधानी में अपनी अलग पहचान और पोस्ट रिटायर मेंट  अच्छी जॉब संभावनाओं के बावजूद उन्होंने अपने गृह अंचल की ओर जाने का निर्णय क्यों लिया।इस सवाल के जवाब में आदिल खान बताते है कि उनकी 98 वर्षीय माता जी ने अपने जीवन के आखिरी दिनों में कसरावद में एक ऐसा स्कूल बनाने की इच्छा जाहिर कि जिसमें गरीब बच्चे बिना फीस उनके काम की किताबें पढ़ सके। माता जी की इस अभिलाषा को परिभाषित  करते हुए उनकी पहली बरसी 31 दिसंबर 2018 को माता जी के नाम पर राबिया लाइब्रेरी आरंभ की गई । लाइब्रेरी मुख्य रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं के उन बच्चो को निशुल्क सुविधा देने के लिए संचालित है जो उच्च पदो पर पहुंचने का सपना संजोते है लेकिन मंहगी किताबे ओर शहर में रह कर लाइब्रेरी की फीस देने में सक्षम नहीं है। प्रदेश की अपनी तरह की इस पहली लाइब्रेरी में यू पी एस सी ,स्टेट पी एस सी , नीट , इंजीनियरिंग ,सहित विभिन्न एंट्रेंस परीक्षाओं की डेढ़ हजार किताबे उपलब्ध है । लाइब्रेरी को यहां आने वाले छात्र ही संचालित करते है, छात्रों की जरुरत अनुसार नई पुस्तके खरीद कर दी जाती है। आदिल खान ने बताया कि इस लाइब्रेरी के लिए किसी भी व्यक्ति ,संस्था से कोई आर्थिक मदद नहीं ली । नितान्त निजी संसाधनों से यह प्रयोग किया है। जो अब परिणाम देने लगा है । लाइब्रेरी  के छात्र अंकित नेइस वर्ष नीट पास कर जबलपुर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया है।एक अन्य छात्र ने वेटनेरी प्रवेश परीक्षा पास कर वेटनरी कॉलेज जबलपुर में एडमिशन लिया है वहीं छात्र निमेष ने जे एन यू की पी एच डी एंट्रेंस एग्जाम पास कर ली है। कई अन्य छात्र विभिन्न एंट्रेंस परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है।






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