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उच्च शिक्षा मंत्री यादव ने बैरसिया में स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय में नवीन भवन का लोकार्पण किया

भोपाल। उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव ने बैरसिया महाविद्यालय मे ई-लायब्रेरी के लिए 15 लाख रुपए की स्वीकृति के साथ ही एक करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि देने की घोषणा की है। शुक्रवार को जिले के तहसील मुख्यालय बैरसिया में उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव, सांसद सुश्री साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विधायक श्री विष्णु खत्री ने स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय के नव-निर्मित भवन का लोकार्पण किया।

उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव ने कहा है कि किसी भी देश की शिक्षा पद्धति ही उसकी संस्कृति और सभ्यता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में नालंदा और तक्षशिला विश्व विद्यालय ने अपनी शिक्षा से भारत को विश्व मे सर्वोच्च स्थान दिलाया था। आदिकाल से ही हमारी संस्कृति और शिक्षा उन्नत रही हैं और हमारी शिक्षा और ज्ञान ने हमें समृद्ध किया है।

मंत्री श्री यादव ने कहा की अंग्रेजों ने हमारी शिक्षा पद्धति को तोड़ा और हमें नौकर बनने के लिए विवश किया। जिससे हमें बहुत नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नई शिक्षा नीति लागू करके देश को नई दिशा दी है । विदेशी भाषा ने हमारी भाषा को नुकसान पहुँचाया है अब मातृ भाषा मे भी शिक्षा गृहण कर सकेंगे। नई शिक्षा नीति में अब सभी महाविद्यालयों में सभी विषयो की शिक्षा दी जायेगी। अब शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार किये गए हैं। हमारा योग्य युवा हर विधा में आगे बढ़ेगा है। समाज के योग्य शिक्षित और सभ्य युवा आधुनिक और उन्नत समाज निर्माण करेंगे।

नई शिक्षा नीति में अब कालेजों में डिग्री का बंधन, उम्र का बंधन और रेगुलर शिक्षा का बंधन खत्म किया है। कोई भी किसी भी उम्र मे प्रवेश ले सकेगा। नई शिक्षा नीति लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश में प्रथम राज्य है। उल्लेखनीय है कि इस महाविद्यालय का पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा उद्घाटित किया गया था। इस महावियालय के नये भवन का उद्घाटन हम सब के लिए गौरव का क्षण है।

सांसद साध्वी सुश्री प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में युवाओं का सदैव योगदान रहा है। स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलने के लिए जरूरी है कि उनके बताएं मार्ग और शिक्षा पर चले। छात्र-छात्राओं के जीवन में गुरु का महत्वपूर्ण स्थान है। सभी शिक्षकों का सम्मान कर उनकी दी गई शिक्षा से जीवन को सफल बनाएं और चरित्र का निर्माण कर नई पीढ़ी को आगे बढ़ाए। आज महाविद्यालय के इस नये भवन मेँ हम प्रण ले कि देश सेवा क लिये सदैव तत्पर रहेंगे।

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