भोपाल। स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि शिक्षक भारत की शिक्षा व्यवस्था के आदर्श, मूल्य और संस्कार के वाहक हैं। शिक्षक भारत की सनातन परंपरा का पालन करते हुए विद्यार्थियों को पढ़ाने लिखाने तक सीमित न होकर, उन्हें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला एक व्यक्तित्व है। श्री परमार वल्लभ भवन में वर्चुअली ऑनलाइन आयोजित "राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह" में शिक्षण क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित कर रहे थे। श्री परमार ने शिक्षकों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि शिक्षक बच्चों के भविष्य को आकार देते है और इस तरह राष्ट्र के भावी भविष्य का निर्माण करते है। इस नेक योगदान के कारण ही शिक्षक समाज के सबसे ज्यादा सम्मानित सदस्य हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों से 27 शिक्षकों का सम्मान करते हुए श्री परमार ने कहा कि यह सम्मान प्रदेश के हर शिक्षक और शिक्षा व्यवस्था से जुड़े हर अधिकारी-कर्मचारी का सम्मान है। श्री परमार ने भोपाल जिले की शिक्षिका श्रीमती वंदना पांडे को मंत्रालय में सम्मानित करते हुए प्रदेश के विभिन्न जिलों के एनआईसी कक्षा से जुड़े शिक्षकों को शाल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और 25 हज़ार रुपये की सम्मान राशि से सम्मानित किया।
श्री परमार ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित मंडला जिले के बिछिया विकासखंड के शासकीय हाई स्कूल मांद के माध्यमिक शिक्षक श्री शक्ति पटेल को सम्मानित किया। श्री परमार ने उन्हें शाल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और राज्य शासन की ओर से 11 हज़ार रुपये की सम्मान राशि का चेक भेंट किया।