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समाज में शिक्षक को सबसे पहले मिले सम्मान

सप्रे संग्रहालय में शिक्षक प्रो. बिल्लौरे के पूर्व छात्रों ने किया सम्मान

भोपाल। एक शिक्षक का समाज में सबसे ऊपर स्थान होना चाहिए। उसे एक राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी या अन्य किसी भी वर्ग से पहले सम्मानित किया जाना चाहिए। यह कहना है वरिष्ठ पत्रकार और सप्रे संग्रहालय के संस्थापक निदेशक विजयदत्त श्रीधर का। वे आज सुप्रसिद्ध समाजशास्त्री और शिक्षक प्रो. एस.आर बिल्लौरे के सम्मान    समारोह की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। शिक्षक दिवस पर  प्रो. बिल्लौरे द्वारा पढ़ाए गए 'इंदौर स्कूल आफ सोशल वर्कÓ पूर्व छात्रों द्वारा यह सम्मान समारोह आयोजित किया गया था।

सप्रे संग्रहालय के सभागार में आयोजित इस समारोह में  हिस्सा लेने संस्था के वर्ष  1968 से 1981-  84  बैच के विद्यार्थी खास तौर से आए थे। अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री श्रीधर ने आगे कहा कि शिक्षक एक पीढ़ी तैयार करता है। इसलिए उसका स्थान समाज में विशेष सम्मान मिलना ही चाहिए। उन्होंने 'इंदौर स्कूल आफ सोशल वर्कÓ के  पूर्व छात्रों के इस  कार्य को अनुकरणीय बताया।

अपने सम्मान के प्रतिउत्तर में प्रो. बिल्लौरे ने कहा कि एक शिक्षक की यही पूंजी होती है कि अपने विद्यार्थियों के दिल में उसका स्थान सदा बना रहे। शिक्षक का धर्म है अपने विद्यार्थियों को शिक्षित एवं दीक्षित करना वह हमेशा अपने विद्यार्थियों में अपनी तस्वीर और अपना भविष्य देखता है।

कार्यक्रम में प्रो. बिल्लौरे  को शॉल, श्रीफल अभिनंदन पत्र एवं रजत कलश भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर उनके विद्यार्थी डॉ रंजना सभरवाल तथा  पी के जडिया सहित अनेक वक्ताओं ने डॉ. बिल्लौरे के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।

आरंभ में पत्रकार और लेखक कमलेश पारे ने स्वागत वक्तव्य देते हुए कहा कि आज शिक्षक के प्रति सम्मान कम होता जा रहा है, ऐसे समय में पूर्व छात्रों का यह कार्य  प्रेरणास्पद और सुखद आश्चर्य देने वाला है। कार्यक्रम में गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के दो प्राध्यापक डॉ. आरएस पगारे और डॉ. एनडी गार्गव को भी सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर भोपाल के अनेक गणमान्य नागरिक,पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से  दिलीप उपाध्याय, दुर्गेश व्यास ,अनिल दुबे, डॉ मनीष  बिल्लोरे, अरुण नाईक,विश्वजीत सिंह, रीटा गुप्ता,अमिता कुमार , डॉ सुधा सिलावट, प्रतिभा श्रीवास्तव सहित संस्थाके अनेक पूर्व विद्यार्थी उपस्थित थे। संचालन अनीता चौधरी ने किया तथा आभार रवि विजयवर्गीय ने माना।


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