भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों और विदिशा जिले में बाढ़ प्रभावितों को सर्वोच्च प्राथमिकता से राहत राशि और अन्य सहायता प्रदान की गई है। संबंधित कलेक्टर्स सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र हितग्राही सहायता प्राप्त करने से वंचित न हों। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज वीडियो काँफ्रेंस द्वारा 9 जिलों के 24 हजार 529 हितग्राहियों को 31 करोड़ 51 लाख रूपये की राहत राशि का अंतरण कर रहे थे। प्रदेश में अब तक एक लाख 27 हजार बाढ़ प्रभावित नागरिकों को 109 करोड़ 89 लाख रूपये की राहत राशि वितरित की जा चुकी है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह कार्यक्रम में मौजूद थे। राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत वर्चुअली शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में गत दो माह संकट के रहे हैं। एक तरफ बाढ़ की स्थिति थी, वहीं दूसरी तरफ करीब डेढ़ दर्जन जिले कम बारिश से प्रभावित हुए हैं। कोरोना का संकट भी रहा। हम नागरिकों और सरकार के लिए परीक्षा की घड़ी थी। सरकार ने प्रयास किया कि हर परिस्थिति में जनता को संकट से निकालें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विशेष योजना बनाकर बाढ़ प्रभावितों को विभिन्न तरह की क्षति के लिए राशि प्रदान करने का कार्य किया गया है। लोगों को हुए नुकसान से जिंदगी की गाड़ी पटरी से न उतरे, इसके लिए पूरी तत्परता और पारदर्शिता से राहत राशि प्रदान की गई है। पंचायत भवन पर हितग्राही सूची चस्पां कर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने से किसी भी तरह की अनियमितता नहीं हो सकी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राशि प्रदान करने के पूर्व हितग्राहियों के संबंध में दावे-आपत्ति का विकल्प भी दिया गया। कृषि फसलों की हानि के लिए अलग से राजस्व पुस्तक परिपत्र के अंतर्गत कार्यवाही हो रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राशि वितरण में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार न हो, इसके लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। विद्युत उप केन्द्रों और सड़कों आदि की बाढ़ से हुई क्षति के पश्चात पुनर्निर्माण के कार्यों को भी समय पर करना आवश्यक है। इसके लिए सभी कलेक्टर, जन-प्रतिनिधि, क्राइसिस मैनेजमेंट समूह के सदस्यों से परामर्श कर पूर्ण करें। नहरों की मरम्मत का कार्य भी युद्ध स्तर पर किया जाए।