भोपाल। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि विद्यार्थियों में उद्यमिता की भावना को मज़बूत बनाएँ। उनमें आत्म-निर्भरता के संस्कार विकसित किए जाए। व्यवसायिक शिक्षा परिणाम मूलक होनी चाहिए। कृषि, पशुपालन और उद्योगों की आवश्यकताओं और समस्याओं के समाधान के कार्य विश्वविद्यालयों द्वारा किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा है कि सार्थक शिक्षा के लिए वर्तमान आवश्यकताओं के साथ ही भविष्य की जरुरतों के साथ तालमेल करते रहना जरुरी है। शिक्षण संस्था का क्षेत्र के विकास में क्या योगदान है, इस आधार पर कार्यों की समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने मल्टी एक्जिट और मल्टी इन्ट्री की व्यवस्थाओं के लिए कोर्स माड्यूल को पुनर्निर्धारित करने की जरुरत बताई है।
राज्यपाल श्री पटेल आज राजभवन में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी, विश्वविद्यालय भोपाल, नानाजी देशमुख पशु विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर और जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर की अलग-अलग सत्रों में समीक्षा कर रहे थें।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि तकनीकी शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों की रोजगार स्थिति की समीक्षा की जाए। कितने विद्यार्थियों ने स्वयं के उद्यम की स्थापना की। कितने व्यवसाय अथवा सेवारत हुए, इसका शिक्षा संस्थान वार विवरण संधरित कराया जाए। उन्होंने कहा है कि जरुरी है कि विद्यार्थियों और उद्योगों के मध्य जीवंत सम्पर्क बना रहे। तकनीकी शिक्षा संस्थान द्वारा उद्योगों के प्रबंधन को परिसर में समय-समय पर आमंत्रित किया जाए। विद्यार्थियों के शिक्षण, कौशल उन्नयन और तकनीकी दक्षताओं से उन्हें परिचित कराया जाए। इससे उद्योगों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप विद्यार्थियों को चयनित करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने विद्यार्थियों के गाँव में सेवा कार्यों के अनुभवों को भी संकलित करने की जरुरत बताई। उन्होंने कहा अलग-अलग सामाजिक सरोकारों के अनुसार विद्यार्थियों को ग्रामीण अंचल में भेजा जाए। विद्यार्थी अपने अनुभवों को पारस्परिक आधार पर आपस में साझा करें। इससे गाँव के परिवेश के अनुसार जन-जागृति और समाज सेवा के कार्यों का प्रभावी क्रियान्वयन होगा।