भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हम युवाओं को इतना कौशल सम्पन्न बनाएंगे कि उन्हें स्वत: रोजगार मिले। ऐसी शिक्षा जो व्यक्ति को आजीविका अर्जन में सक्षम और आत्म-निर्भर नहीं बना सकती, वह शिक्षा व्यर्थ है। रोजगारोन्मुखी शिक्षा और कौशल उन्नयन की व्यवस्था करना आवश्यक है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के शिक्षा और कौशल संवर्धन के साथ नई पीढ़ी का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के संकल्प को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति शत-प्रतिशत पूर्ण करती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार माना। राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल की गरिमामय उपस्थिति में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने की घोषणा की। मिंटो हॉल में कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों के वाईस चांसलर तथा शोधार्थी सम्मिलित हुए।
राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल तथा मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा उच्च शिक्षा विभाग की पत्रिका “सफलता के सोपान” का विमोचन किया गया। साथ ही इन्क्यूबेशन सेंटर के माध्यम से स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए विद्यार्थियों को सीड मनी का वितरण भी किया गया। जीईआर में वृद्धि के लिए दूरवर्ती शिक्षा केन्द्रों की स्थापना के लिए भोज मुक्त विश्वविद्यालय और 55 महाविद्यालयों के बीच एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए।