बाघ आंकलन की तैयारियॉ हुई शुरू
भोपाल। प्रदेश में अखिल भारतीय बाघ आंकलन 2022 की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं। वन विभाग (वन्य प्राणी) के संयोजन में मास्टर ट्रेनर का पहला सत्र गाँधी सागर अभ्यारण्य और मानव राष्ट्रीय उद्यान में 17-18 अगस्त में आयोजित किया जा चुका है।
भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून (WWF India) और वन विभाग के अनुभवी और दक्ष अधिकारियों द्वारा वन मण्डल के मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण में अखिल भारतीय बाघ गणना के फेस –एक से संबंधित डाटा कलेक्शन के विभिन्न चरणों की बारीकियों से समझाने के साथ ही उन्हें प्रत्यक्ष रूप से डाटा कलेक्शन के तौर-तरीकों और प्रक्रिया से अवगत कराया गया।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री अलोक कुमार ने बताया कि इस बार के बाघ आंकलन में डाटा कलेक्शन पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से कराने के लिए बनाए गए विशिष्ट “ईकोलॉजिकल एप” के जरिए किया जाएगा। इसमें प्रदेश भर की 9 हजार सीटों में पेपर लेस डाटा इकठ्ठा किया जाएगा। इस नए सिस्टम के बारे में मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया गया।
उल्लेखनीय है कि गाँधी सागर अभ्यारण्य में हुए प्रशिक्षण में रतलाम, मंदसौर, नीमच, उज्जैन, धार, झाबुआ और अलीराजपुर के वन मंडलों के मास्टर ट्रेनर और माधव राष्ट्रीय उद्यान के प्रशिक्षण-सत्र में शिवपुरी, श्योपुर, ग्वालियर, दतिया, मुरैना, अशोकनगर वन मण्डल और कूनो राष्ट्रीय उद्यान, माधव राष्ट्रीय उद्यान के मास्टर ट्रेनर शामिल हुए।
वन विभाग में विगत अखिल भारतीय बाघ आकंलन 2018 की तर्ज पर ही इस बार भी वन मंडल स्तरीय ट्रेनर, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के स्थान पर क्षेत्रीय कनिष्ठ स्तर के अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर बनाने की पहल की प्रशंसा राष्ट्रीय स्तर पर हुई है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकारी द्वारा वन रणथंभौर में हाल ही में हुई नेशनल ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यशाला में अन्य राज्यों के अधिकारियों ने इस मॉडल को बेहत्तर मानते हुए अपने राज्य में लागू किए जाने की इच्छा जताई है। बाघ आंकलन में वन मण्डल स्तरीय मास्टर ट्रेनर वन रक्षक, वनपाल, उप वन क्षेत्रपाल, वन क्षेत्रपाल स्तर के अधिकारियों को यह जिम्मा सौंपा गया है। वर्ष 2018 के पहले वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ही आंकलन किया जाता था।