भोपाल। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में हमारा देश विश्व गुरू का स्थान रखता था। अगर हमें उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपने देश की प्रतिष्ठा को फिर से वापस लाना है तो अपने युवाओं के कौशल, प्रतिभा व ऊर्जा के समन्वित उपयोग के साथ-साथ देश के मौलिक ज्ञान,परंपराओं और क्षमताओं का भरपूर इस्तेमाल करना होगा। इस अवसर पर विद्यार्थियों का आह्वान किया कि स्वयं आत्म निर्भर बनें और दूसरों को भी आत्म निर्भर बनाने में मदद करें। साथ ही यह संकल्प लें कि भारत माता के लिये स्वदेशी अपनाकर अपने देश को आत्मनिर्भर बनायेंगे। राज्यपाल श्री पटेल ने जीवाजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में इस आशय के विचार आज व्यक्त किए।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के वर्चुअल मुख्य आतिथ्य में शुक्रवार को जीवाजी विश्वविद्यालय परिसर में स्थित अटल विहारी वाजपेयी इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने विद्यार्थियों का आह्वान किया है कि विश्वविद्यालय में अध्ययन की साधना से ज्ञान का जो दीपक जलाया है,उससे उनको सत्य–असत्य, शिव-अशिव, सुंदर-असुंदर के बीच का अंतर समझ में आयेगा। जो उनके भावी जिंदगी की राह को आसान बनाएगा। उन्होंने कहा भारतीय संदर्भों में यह उपदेश सर्वदा से प्रासंगिक है कि यदि हम सच्चे मन से ज्ञान को आत्मसात करें, तो जीवन में सफलता तय है। उन्होंने कहा कि आज का दिन आप सबके लिये जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही उन शिक्षकों व अभिभावकों के लिये भी है, जिन्होंने आपके जीवन को उज्ज्वल बनाने में योगदान दिया। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल में भारत में तक्षशिला एवं नालंदा जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान थे,जिनमें दुनियाभर के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते थे। देश के शैक्षणिक वैभव को फिर से हासिल करने के लिये समन्वित प्रयास करने होंगे।