भोपाल। प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष को पूरे भारत में 'आजादी का अमृत महोत्सव' के रूप में मनाया जा रहा है। इसी क्रम में राज्य संग्रहालय में 'स्वतंत्रता आन्दोलन 1857-1947' दुर्लभ अभिलेखों एवं छायाचित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यह प्रदर्शनी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अनछुए पहलुओं को युवा पीढ़ी के समक्ष लायेगी और उन्हें प्रेरणा देगी। श्री शुक्ला 'आजादी का अमृत महोत्सव' के अवसर पर राज्य संग्रहालय में दुर्लभ अभिलेखों एवं छायाचित्रों की प्रदर्शनी का उद्घाटन कर संबोधित कर रहे थे। श्री शुक्ला ने कहा कि पुरातत्व विभाग के अभिलेखागार में बहुत सारे दुर्लभ चित्र और अभिलेख संग्रहित है, जिन्हें जनता के सामने लाया जाना आवश्यक है। प्रदर्शनी से युवाओं, छात्र-छात्राओं, शोधार्थियों और आम जनता को आजादी के महत्व और बलिदानियों के बारे में अधिक प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। प्रदर्शनी में सभी का प्रवेश नि:शुल्क रहेगा।
संचालनालय पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय द्वारा 13 से 20 अगस्त 2021 तक 'भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन 1857-1947' पर आधारित दुर्लभ अभिलेखों एवं छाया चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यह प्रदर्शनी आम जनता के लिए प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक खुली रहेगी। प्रदर्शनी में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन, असहयोग आंदोलन 1920, सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 के साथ भारत छोड़ो आंदोलन 1942 से संबंधित महत्वपूर्ण ऐतिहासिक अभिलेख एवं छायाचित्र प्रदर्शित किए गए हैं। नानासाहेब को पकड़ने के लिए इनाम की घोषणा, महू और इंदौर में विद्रोह, तात्या टोपे की मैराथन दौड़ को दर्शाता मानचित्र, तात्या टोपे को फांसी देने का समाचार, रानी लड़ई दुलैया के नाम रानी लक्ष्मीबाई का पत्र, 1859 में ग्वालियर अखबार में प्रकाशित खबर के साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां इस प्रदर्शनी का प्रमुख आकर्षण है। इस अवसर पर पुरातत्व अधिकारी डॉ. रमेश यादव, पुरालेख अधिकारी श्री आशुतोष उपरी, अभिलेखागार प्रभारी श्री पदम सिंह मीणा, उपसंचालक श्री सतीश चतुर्वेदी और श्री के.के. बरई सहित संग्रहालय और पुरातत्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे