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वर्दी वाला गुंडा पंकज कुमावत, दौलत के लिए फर्ज से कि गद्दारी, मादक पदार्थ तस्कर बाबू सिंधी का बन गया पार्टनर

आठ-दस गाडियां मेंटेन करता था और वेयर हाउस का मालिक भी निकला, अभी बहुत से पंकज कुमावत पुलिस विभाग में मौजूद है उनकी भी पहचान करें जिम्मेदार अधिकारी, पुलिस विभाग में मादक पदार्थ तस्करों कि गैंग वर्दी पहनकर काम कर रही है

शेख जफर कुरेशी, मन्दसौर। नीमच के तस्कर जय कुमार सिंधी ऊर्फ बाबू सिंधी ने अपनी जड़े पुलिस विभाग में भी फैला दी थी। देवास में पदस्थ पुलिस विभाग का आरक्षक पंकज कुमावत वर्दी पर लगा वो बदनुमा दाग है जिसे धोने में विभाग के पसीने छूट जाएंगे। सीबीएन ने जब नीमच में बाबू सिंधी के गोदाम व प्रतिष्ठानो पर छापा मार कर जांच शुरू कि तो परत दर परत खुलती चली गई और ऐसे चौकाने वाले मामले सामने आए कि सीबीएन के अधिकारी भी भौचक्के रह गए। इस मामले में मादक पदार्थ ठिकाने लगाने कि नई तिकडमबाजी का खुलासा हुआ। वहीं बाबू सिंधी कि गैंग में एक वर्दी वाला गुंडा भी शामिल पाया गया। अक्सर ये बातें उठती रहती है कि कुछ पुलिस वाले तस्करो के लिए काम कर रहे है, इस कार्यवाही ने उन बातों को सही साबित कर दिया। अभी तो एक पंकज कुमावत सामने आया है, ऐसे कई पंकज कुमावत पुलिस विभाग और अपने फर्ज से गद्दारी करते हुए तस्करों के लिए काम कर रहे है। नौकरी सरकार कि करते है ड्यूटी तस्करों कि बजा रहे है। ऐसे गद्दारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलना चाहिए।

बाबू सिंधी के जन्मदिन पर लौटाई नोटों कि गड्डियां

वर्दी में छुपे घिनौने चेहरे पंकज कुमावत ने तस्कर बाबू सिंधी के जन्मदिन पर नोटों कि गड्डियां लुटाकर अपने आका का स्वागत किया था। हराम कि दौलत लुटाते हुए पंकज का विडियो भी वायरल हुआ है। खबर के साथ दिए गए फोटो में नोट लुटाते हुए वो घिनौना चेहरा दिख रहा है।

आला अधिकारी पंकज कुमावत जैसे आस्तीन के सांपो कि पहचान करें

पुलिस विभाग के आला अधिकारी पंकज कुमावत जैसे शातिर बदमाशों कि पहचान करें,  उनकी कॉल डिटेल निकालें, ऐसे लोगों कि कोई जागरूक नागरिक शिकायत करे तो शिकायतों को हल्के में ना लें। अधिकारी ये बात गांठ बाँध लें कि तस्करों कि एक गैंग वर्दी पहनकर काम कर रही है। इस बात कि जानकारी भी अधिकारी रखें कि आखिर एक आरक्षक कैसे आठ-दस वाहन मेंटेन कर रहा है, पंकज कुमावत यही कर रहा था और किसी अधिकारी को पता तक नहीं चला। अधिकारियों को यह भी पता नहीं था कि पंकज वेयर हाउस का मालिक है। अगर सीबीएन कार्यवाही नहीं करती तो शायद पुलिस विभाग के अधिकारियों को पता हि नहीं होता कि उनकी नाक के नीचे तस्कर का पाला हुआ सपोला विभाग को डस रहा है। अभी बहुत से आरक्षक और अधिकारी पुलिस कि वर्दी पहन रहे है, तनख्वाह सरकार से ले रहे है, लेकिन नौकरी तस्करों कि कर रहे है, ऐसे वर्दीधारियों कि पहचान समय रहते जरुरी है ताकि वर्दी पर दाग ना लगे।

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