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मॉडल विकासखण्ड की कार्य-योजना कागजों में नहीं खेतों में दिखाना

भोपाल। मॉडल विकासखण्डों के लिये बनाई गई कार्य-योजनाओं का उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ खेत पर जाकर निरीक्षण करूँगा। कार्य-योजना किसानों से मिले सुझावों के आधार पर बनाई है, यह भी देखूँगा। उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह ने उद्यानिकी मॉडल विकासखण्डों के प्रभारी अधिकारियों की विंध्याचल भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में यह बातें कहीं।

राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि कार्य-योजना को केवल कागजों तक सीमित नहीं रखें। कार्य-योजना जमीन पर उतारें। मॉडल विकासखण्ड बनाने में उच्च अधिकारियों से निर्देश की उतनी जरूरत नहीं है, जितनी जरूरत किसानों के सुझावों की है। किसान उद्यानिकी की कौन-सी फसल लेना चाहते हैं, किस प्रकार के बीज चाहते हैं, स्थानीय परिवेश के अनुसार खेती का उनका अनुभव कार्य-योजना में शामिल करें। उद्यानिकी विभाग के अधिकारी किसानों से सीधा संवाद करें। किसानों से मिले सुझावों को कार्य-योजना के मूल में रखें। मॉडल विकासखण्ड प्रभारी ग्रामों का लगातार दौरा करें। परम्परागत ढंग से योजनाओं के क्रियान्वयन को करने के स्थान पर नवाचारों को अमल में लायें। इस माह के अंत से मॉडल विकासखण्डों का उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दौरा करने की बात राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कही। उन्होंने कहा कि वह खेतों पर पहुँचकर किसानों से बातचीत कर कार्य-योजना के संबंध में जानकारी लेंगे। मॉडल विकासखण्ड प्रभारी और जिले के अधिकारी इस बात को सुनिश्चित कर लें कि मॉडल विकासखण्ड कार्य-योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही नहीं होना चाहिये। लापरवाही और गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।

राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि मॉडल विकासखण्ड में किसानों को उन्नत फसलें लेने की तकनीक से अवगत कराने के लिये ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करना हैं। इसके लिये जरूरी नहीं है कि ट्रेनिंग सेंटर विकासखण्ड मुख्यालय पर ही बनाया जाये। उन्होंने कहा कि मुख्यालय से अलग हटकर उद्यानिकी फसल लेने वाले गाँवों के किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किसी भी उपयुक्त ग्राम में भी ट्रेनिंग सेंटर बनाया जा सकता है। विकासखण्ड के सभी किसानों को आधुनिक और उन्नत तकनीक से उद्यानिकी फसलों को लेने के प्रशिक्षण दिये जाने का उद्देश्य पूरा होना जरूरी है।

राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि उद्यानिकी विभाग गिरदावरी भी करेगा। किस ग्राम में, विकासखण्ड में कौन-सी उद्यानिकी फसलें कितने क्षेत्र में ली जा रही हैं, इसकी वास्तविक जानकारी विभाग को प्राप्त हो सकेगी। इस जानकारी के आधार पर कार्य-योजना बनाते समय विभाग उद्यानिकी किसानों के हितों का ध्यान रखा जा सकेगा। राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने सभी 20 मॉडल विकासखण्डों के प्रभारी अधिकारियों से कार्य-योजना की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त की। बैठक में उद्यानिकी विभाग की केन्द्र और राज्य प्रवर्तित अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की गई। उद्यानिकी आयुक्त श्री एम.के. अग्रवाल सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और जिलों से आये विभागीय अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

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