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महिला सशक्तिकरण की पर्याय बनी कृषि सखी सुश्री चम्पा सिंह

भोपाल। महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले स्व-सहायता समूह के सदस्यों से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 12 अगस्त को दोपहर 12.30 बजे संवाद करेंगे। विभिन्न राज्यों के जिन महिला सदस्यों से प्रधानमंत्री श्री मोदी संवाद करेंगे, उनमें मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ निवासी कृष्णा स्व-सहायता समूह की सदस्य सुश्री चम्पा सिंह भी शामिल हैं।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह में कार्य कर रही सुश्री चम्पा सिंह अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड के ग्राम सोनियामार की रहने वाली हैं। मात्र 8वीं तक शिक्षित सुश्री चम्पा सिंह ने अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ संघर्ष किया। आजीविका मिशन से जुड़कर उन्होंने गांव की अन्य महिलाओं को जोड़कर समूह का गठन किया और धीरे-धीरे अपनी बचत कर समूह को आगे बढ़ाया। समूह निर्माण के पश्चात चम्पा ने बुक कीपर का कार्य शुरु कर दिया, जिससे उसको कुछ आमदनी होने लगी। परन्तु अभी भी वह अपने और परिवार के सदस्यों की छोटी-छोटी जरूरतें पूरी नहीं कर पा रही थी। आय के साधन जुटाने के लिए सुश्री चम्पा सिंह ने समूह के माध्यम से सिलाई का प्रशिक्षण कृषि सखी के रूप में भी प्राप्त किया।

सुश्री चम्पा सिंह को हरियाणा राज्य के झज्जर विकासखण्ड में कार्य करने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 15 कार्य दिवस पूर्ण किए। इसके एवज में उन्हें मानदेय के रूप में 11 हजार 600 रूपये प्राप्त हुए जो उनके जीवन की पहली सबसे बड़ी कमाई थी। इसके अलावा अन्य राज्यों में भी चम्मा सिंह को कार्य करने का मौका मिला। चम्पा ने कृषि सखी के रूप में 6 बार अलग-अलग स्थानों पर प्रशिक्षण प्राप्त किया तथा लगभग 5500 परिवारों को कम लागत, कृषि तकनीक एवं जैविक कृषि का प्रशिक्षण प्रदान कर चुकी हैं।

सुश्री चम्पा सिंह को आजीविका और कौशल विकास दिवस 5 मई 2018 को राज्य स्तर पर उत्कृष्ट कार्य हेतु पुरुस्कृत किया जा चुका है। चम्पा कहती हैं कि जबसे मैं आजीविका मिशन से जुड़ी हूँ तबसे मैंने अपने जीवन को बदलते और सपने को साकार होते देखा है। मुझे गर्व है कि मेरी माँ आज मुझे बेटी नहीं बेटा कहकर बुलाती है।

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