भोपाल। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वर्चुअल कार्यक्रम में मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह से जुड़ी अनूपपुर जिले की मास्टर सामुदायिक स्त्रोत व्यक्ति (सीआरपी) कृषि, सुश्री चंपा सिंह से सीधा संवाद किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने चंपा के अनुभव सुनने के बाद सुझाव दिया कि वह जैविक खाद, कीटनाशक एवं अन्य उत्पाद ऑनलाइन बेवसाइट के माध्यम से बेचें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँच सकें। इससे मुनाफा तो होगा ही साथ में लोगों को कम लागत एवं उन्नत जैविक कृषि के लिये उनके अनुभवों का लाभ भी आसानी से मिल सकेगा।
सुश्री चंपा सिंह ने बताया कि बचपन में पिता का देहांत होने के बाद बड़ी मुश्किलों से उनकी माँ ने पालन-पोषण कर विवाह किया। दुर्भाग्यवश विवाह के दो माह बाद ही पति का देहांत हो गया। इस विकट परिस्थिति से जूझने में सबसे बड़ा सहारा आजीविका मिशन के समूह से मिला। समूह से जुड़ने के बाद 100 से अधिक प्रशिक्षण प्राप्त किये, जो अलग-अलग विषयों पर आधारित थे। इनमें से एक कृषि सखी प्रशिक्षण भी था। कृषि सखी का प्रशिक्षण लेकर अपने क्षेत्र के साथ अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश सहित साढ़े पाँच हजार महिला किसानों को प्रशिक्षण दिया।
सुश्री चंपा सिंह ने बताया कि प्रारंभ में 75 हजार रूपये का ऋण स्व-सहायता समूह से तथा मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना से 1 लाख रूपये का ऋण लिया था। इस राशि से कृषि किसान सेवा केन्द्र खोला। केन्द्र पर जैविक खाद, जैविक कीटनाशक, नीमास्त्र, बृह्मास्त्र, आग्नि आस्त्र बेचना शुरू किया। ये सब जैविक हैं जो घर में बनाये जाते हैं। पहले माँ-बेटी मिलकर साल में 50 हजार भी नहीं कमा पाती थीं और घर का खर्च चलाना मुश्किल हो जाता था। अब साल में लगभग ढाई से तीन लाख रूपये की आय हो जाती है। चर्चा के दौरान चंपा का आत्म-विश्वास एवं बेवाकी से उत्तर देने का लहजा देखकर प्रधानमंत्री ने बार-बार प्रशंसा की।