नई दिल्ली। करनाल में निहत्थे किसानों पर बर्बर पुलिस लाठी चार्ज ने भारतीय जनता पार्टी की किसान विरोधी नीतियों और उनके आंदोलन को कुचलने का एक नया फैसला सुना दिया है l शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को अपनी मांगों के समर्थन में सरकारी पदों पर बैठे हुए मंत्रियों को काला झंडा दिखाकर अपने रोष को प्रकट करने का पूरा लोकतांत्रिक अधिकार है l सत्ता में आने से पहले भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता यही काम पिछले 30 सालों से करते रहे l लेकिन आज जब उनकी नीतियों के विरोध में किसान ,मजदूर, नौजवान, विद्यार्थी, महिलाएं, सरकारी कर्मचारी ,भूतपूर्व सैनिक, प्रोफेसर, डॉक्टर और कलाकार अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं तो उन पर लाठियां बरसाई जा रही, उन पर राष्ट्रद्रोह जैसे मुकदमे कायम की जा रहे हैं l उत्तर प्रदेश और हरियाणा भारतीय जनता पार्टी की नीतियों की प्रयोगशाला बन गई है l फासिस्ट परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए पूरी ताकत से जुटे हैं l उक्त विचार विचार व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महामंत्री अतुल कुमार अनजान ने बताया कि करनाल में एक किसान की शहादत हो गई l 9 किसानों के पैर तोड़ दिए गए और 4 किसान अभी भी आईसीयू में कोमा की स्थिति में है l हरियाणा की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री खट्टर ने किसानों को सबक सिखाने का निर्णय ले लिया है और हिंसा को राजकीय हिंसा में बदलने का फैसला कर लिया है l किसान नेता अतुल कुमार "अनजान" ने बताया कि 30 अगस्त को करनाल में देश के विभिन्न किसान संगठनों के नेता जुटेंगे और सरकार की इस अमानवीय हिंसक कार्रवाई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध कार्यक्रम बनाने पर विचार करेंगे।