चंडीगढ़। पंजाब में सिद्धू और कैप्टन के टकराव के बीच पार्टी में एक बार फिर से मुख्यमंत्री बदलने की मांग उठने लगी है। इसे लेकर पंजाब में सिद्धू के करीबी मंत्री के घर पर बैठक हुई। कहा जा रहा है कि पंजाब में अमरिंदर के खिलाफ फिर बागवत शुरू हो गई है। सिद्धू के करीबी मंत्री तृप्त सिंह बाजवा के घर पर 3 मंत्रियों और 20 विधायकों की गुपचुप बैठक हुई। इस बैठक के बाद 4 मंत्री और परगट सिंह, सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि यह बैठक अमरिंदर के खिलाफ असंतोष रखने वाले नेताओं के बीच थी जो अभी भी संतुष्ट नहीं हैं। वह चाहते हैं कि अमरिंदर को सीएम पद से हटाया जाए।
इधर कैप्टन अमरिंदर सिंह भी नाराजगी प्रकट कर चुके हैं। उनके खेमे में कहा जा रहा है कि बेवजह सलाहकारों की भीड़ खड़ी कर सिद्धू खुद को ताकतवर दिखाने की कोशिश में हैं। लेकिन इस वजह से पार्टी को चुनाव से पहले ही नुकसान हो रहा है। इधर आला कमान फिलहाल पंजाब में बढ़ रही गर्मी को ठंडी करने की कोशिश कर रहा है।
इधर गन्ने की कीमतों पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ किसानों की बैठक से पहले कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को कहा कि गन्ना किसानों की मांगों के अनुरूप गन्ने की कीमतें तत्काल बढ़ाई जानी चाहिए। सिद्धू ने यह भी कहा कि गन्ने का राज्य समर्थन मूल्य (एसएपी) वर्ष 2018 से नहीं बढ़ाया गया है जबकि इसका लागत मूल्य 30 प्रतिशत तक बढ़ गया है।इधर ग्रुप-23 के नाम से जाने जा रहे नेताओं और राज्यसभा में पार्टी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तकरार भी चर्चा में है। खड़गे ने पिछले दिनों वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल की ओर से दिए गए डिनर पर टिप्पणी करते हुए कथित तौर पर कहा है कि कुछ लोग पार्टी के विनाश में लगे हैं। दूसरी तरफ जी 23 से जुड़े रहे और पंजाब से सांसद मनीष तिवारी ने नवजोत सिद्धू के दो सलाहकारों द्वारा इंदिरा गांधी और जम्मू-कश्मीर को लेकर की गई टिप्पणियों पर नाराजगी प्रकट की है। तिवारी उन दोनों सलाहकारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।