भोपाल। प्रदेश में वन विभाग के अंतर्गत मौजूद 6 टाइगर रिजर्व में से सबसे छोटा पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी जिले में मौजूद हैं। यह 1179.633 वर्ग किलोमीटर (एक लाख 17 हजार 963 हैक्टेयर) में फैला है। टाइगर रिजर्व में 64 वयस्क बाघ और 23 शावक की मौजूदगी पर्यटकों को लुभा रही है। इन बाघों के अलावा यहाँ तेन्दुआ, काला तेन्दुआ, गौर, भालू, साभर, चीतल नीलगाय, भेड़की जंगली सुअर, सोन कुत्ता भेडिया, लंगूर, सेही, मोर आदि वन्य जीवों की उपलब्धता पर्यटकों को टाइगर क्षेत्र में आने के लिए बाध्य करती है। कर्माझिरी कोर, जमतरा कोर, टिकाड़ी कुभपानी बफर तेलिया बफर, रूखड़ बफर, अरी बफर का क्षेत्र पर्यटकों के लिए आकर्षण के केन्द्र है।
प्रदेश में कोरोना जैसी महामारी के बीच वर्ष 2020-21 में 97 हजार 631 पर्यटकों ने पेंच टाइगर रिजर्व में उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने 3.50 करोड़ रूपये भी शुल्क के रूप में अदा किए। इसके पहले वर्ष 2019-20 में सामान्य स्थिति में 71 हजार 339 पर्यटकों ने टाइगर क्षेत्र में अन्य जीवों को निहारने के लिए 2.46 करोड़ रूपये खर्च कर राज्य शासन की आय में अपना हिस्सा दिया।
पेंच टाइगर क्षेत्र अन्य टाइगर क्षेत्र की तुलना में भले ही छोटा हो किन्तु पिछले 2 वर्ष में पर्यटकों की आवा-जाही में बढ़ोत्तरी से इस क्षेत्र की महत्ता को जरूर रेखांकित करती है। तीन साल पहले पेंच टाइगर रिजर्व को बेहत्तर प्रबंधन के लिए संयुक्त रूप से प्रथम स्थान पर रहने का गौरव हासिल हुआ है।