अशोकनगर। एक दिन पहले एसडीएम द्वारा राजपुर एवं कचनार वृत्त की तीन महिला पटवारियों को गलत सर्वे रिपोर्ट पेश करने पर निलंबित कर दिया गया था। 24 घंटे बीतते-बीतते इन तीनों महिला पटवारियों को पुन: बहाल कर दिया गया है। एसडीएम की यह कार्रवाई फिलहाल चर्चा का विषय बनी हुई है। पटवारी संघ ने पटवारियों की बहाली पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया है कि तीनों पटवारियों पर जो कार्रवाई की गई थी वह पूरी तरह से गलत थी।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को अशोकनगर एसडीएम रवि मालवीय ने कचनार वृत्त के हल्का नंबर 14 की पटवारी वर्षा भार्गव, प्रेक्षा जैन व राजपुर वृत्त के हल्का नंबर 51 की पटवारी हेमा शाक्य को निलंबित किया था। तत्समय उन्होंने बताया था कि महिला पटवारियों द्वारा घर पर बैठकर सर्वे रिपोर्ट तैयार की गई थी। अशोकनगर तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार व राजपुर व कचनार द्वारा मौके पर निरीक्षण किया गया। तब पटवारियों की लापरवाही सामने आई है लेकिन शुक्रवार को ही इन पटवारियों को पुन: बहाल कर दिया गया है जिससे प्रशासनिक अधिकारी द्वारा की गई यह कार्रवाई चर्चा का विषय बनी हुई है। हालांकि इस संबंध में जब एसडीएम रवि मालवीय से चर्चा करनी चाही तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
पटवारी संघ पांडाल लगाकर आज से बैठेगा हड़ताल पर-:
मप्र पटवारी संघ की जिला इकाई द्वारा शुक्रवार को जिला कार्यालय पर एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाध्यक्ष बलवीर सिंह ने आगामी रूपरेखा को लेकर चर्चा की। बाद में पटवारी संघ ने बताया कि शनिवार से पटवारी पांडाल लगाकर हड़ताल पर बैठेंगे एवं किसी भी प्रकार के शासकीय कार्य नहीं करेंगे। जिलाध्यक्ष ने बताया कि हमारी बैठक का मुख्य उद्देश्य अशोकनगर तहसील में निलंबित तीन महिला पटवारियों की बहाली, मुंगावली तहसील में पटवारी जितेन्द्र शर्मा के साथ मारपीट करने वालों पर एफआईआर कराने को लेकर आयोजित की गई थी, जिसमें से तीनों महिला पटवारियों को दोपहर करीब एक बजे बहाल कर दिया गया है जबकि मुंगावली में पटवारी के साथ मारपीट करने वालों पर एफआईआर हो गई है जिससे हमारी बैठक का मुख्य उद्देश्य पूरा हो गया है लेकिन ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए क्षतिग्रस्त मकानों के सर्वे का कार्य पूरे जिले में बंद कर दिया गया है। वहीं प्रांत के आह्वान पर की जा रही हड़ताल भी जारी रहेगी। पटवारी संघ के जिला मीडिया प्रभारी कृष्णभान यादव ने बताया कि पटवारियों पर निलंबन की जो कार्रवाई की गई थी वह पूरी तरह से गलत थी। सर्वे कार्य में भी हर कोई ज्यादा से ज्यादा क्षति बताना चाहता है एवं पटवारी द्वारा वास्तविक क्षति लिखने पर विवाद की स्थिति बनती है। इसलिए बैठक में सर्वे कार्य बंद करने का निर्णय लिया गया है।