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राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने वाला म.प्र. पहला राज्य : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव

भोपाल। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में इस वर्ष से राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जाएगी। अभी स्नातक स्तर के प्रथम वर्ष के लिये नीति के प्रावधानों को लागू किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर विभाग द्वारा बनाई टास्क फोर्स ने अन्य राज्यों की उच्च शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन किया और राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कार्य योजना बनाई।

डॉ. यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा को अधिक जॉब ओरिएंटेड बनाने के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं। इस वर्ष महाविद्यालयों में 177 डिप्लोमा एवं 282 सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे। 79 विषयों के प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम तैयार किये गए हैं, जिसमें विद्यार्थियों को वैकल्पिक विषय चुनने का अवसर दिया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप एक साल में सर्टिफिकेट, दो साल में डिप्लोमा एवं तीन साल में डिग्री सहित 'मल्टीपल एंट्री, मल्टीपल एग्जिट सिस्टम और चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) भी लागू किया जा रहा है। इस वर्ष आधार पाठयक्रम में योग एवं ध्यान के पाठ्यक्रम भी जोड़े गए हैं। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव पत्रकारों से आज प्रदेश में सकल नामांकन अनुपात एवं विभागीय गतिविधियों के संबंध में संवाद कर रहे थे।

मध्यप्रदेश में पिछले 5 वर्षों में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में लगातार उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन (एआईएसएचई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पिछले 5 वर्षों में जीईआर में साढ़े चार प्रतिशत से अधिक वृद्धि रिकॉर्ड की गई है। वर्ष 2015-16 में जीईआर 19.6 था, जो 2019-20 में 24.2 पर पहुँच गया है। वर्ष 2019-20 में 5.36 लाख विद्यार्थियों ने स्नातक प्रथम वर्ष और स्नातकोतर प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लिया था। इसके बाद पिछले वर्ष 20-21 में 5.64 लाख विद्यार्थियों ने इन कक्षाओं में प्रवेश लिया। इस वर्ष उम्मीद है कि यह रिकॉर्ड भी नया बनेगा।

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