नई दिल्ली। भारत में टेस्ट सीरीज का मतलब होता है स्पिनर्स के दबदबे वाली सीरीज। इसमें कोई अचरज की बात भी नहीं है कि भारतीय पिचें स्पिन गेंदबाजों के लिए मददगार होती हैं। इसलिए भारत आने वाली टीमें स्पिन डिपार्टमेंट को मजबूत करने पर ध्यान देती रही हैं। हालांकि, अगर हम भारत दौरे के लिए इंग्लैंड की टीम पर नजर डालें तो स्थिति ठीक उलट दिखती है। मेहमान टीम का फोकस स्पिनर्स पर न होकर फास्ट बॉलर्स पर है। इंग्लैंड ने कंडीशन के हिसाब से खिलाड़ी चुनने के बजाय अपनी परंपरागत मजबूती तेज और स्विंग गेंदबाजी पर भरोसा किया है। इस रणनीति से साउथ अफ्रीका ने 2000 और ऑस्ट्रेलिया ने 2004/05 में भारत को उसी के जमीन पर हराया था। भारत और इंग्लैंड के बीच 5 फरवरी से 4 मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत होगी। भारत दौरे के लिए चुनी गई इंग्लैंड की टीम में तेज गेंदबाजी की जिम्मा जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड, जोफ्रा आर्चर और बेन स्टोक्स के कंधों पर होगा। इन चारों ने मिलकर टेस्ट क्रिकेट में 1300 से ज्यादा विकेट लिए हैं। एंडरसन और ब्रॉड इस समय दुनियाभर के एक्टिव गेंदबाजों में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में टॉप-2 स्थान पर हैं।
इंग्लैंड को फास्ट बॉलर्स पर भरोसा
जनवरी 24, 2021
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