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कोरोना प्रभावित गांव से इलाज कराने आई महिला को डॉक्टर ने भगाया, सड़क पर पड़ी तड़पती रही मरीज


शेखपुरा। बिहार के शेखपुरा के सदर अस्पताल के गेट के बाहर शुक्रवार सुबह तड़प रही एक महिला को इलाज नहीं मिला। उसका गुनाह यह था कि वह कोरोना प्रभावित गांव लोदीपुर से इलाज कराने आई थी। महिला बुखार और लूज मोशन के कारण बैठ भी नहीं पा रही थी। लेकिन, डॉक्टरों को जैसे ही पता चला कि महिला कोरोना प्रभावित गांव से है उसे अस्पताल से भगा दिया। उससे कहा कि कोरोना संदिग्ध हो, पहले जांच कराओ फिर इलाज होगा। 
धूप में पड़ी रही महिला
महिला के साथ आए परिजन ने बताया कि तीन दिन से गांव में इलाज चल रहा था। तीन हजार रुपए भी खर्च हो गए। लेकिन, हालत में सुधार नहीं हुआ। शुक्रवार सुबह इलाज के लिए सदर अस्पताल लाए, लेकिन डॉक्टरों ने इलाज नहीं किया, जिससे वह धूप में पड़ी तड़पती रही। परिजन ने कहा- अब उसे उपचार के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल ले जा रहे हैं।
पत्रकारों के कहने पर डॉक्टर ने बाहर आकर देखा
पत्रकारों ने जब डॉक्टर से महिला को इलाज न मिलने के संबंध में पूछा तो डॉक्टर कहने लगे परिजन खुद उसे बाहर ले गए हैं। परिजन उसे प्राइवेट अस्पताल ले जाना चाहते हैं। भर्ती न किए जाने के सवाल पर डॉक्टर ने कहा कोरोना संदिग्ध है। पहले जांच होनी चाहिए। कुछ देर बाद सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. शरत चंद्र बाहर आए। मरीज को सड़क पर ही देखा। उसे ओआरएस घोल पिलाया गया। इसके बाद परिजन महिला को अस्पताल के वार्ड में ले गए। हालांकि महिला को भर्ती नहीं किया गया। अंत में परिजन उसे प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए। डॉक्टर ने कहा कि महिला उसी गांव से है जहां कोरोना पॉजिटिव मिला है। सदर अस्पताल में क्वारैंटाइन सेंटर भी नहीं है, इसलिए उसे क्वारैंटाइन करने की सलाह दी गई और अस्पताल से बाहर भेजा गया।

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