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उच्चतम वेतनमान पर कार्यरत पुलिसकर्मियों को पदनाम देने पर सहमति : मंत्री डॉ. मिश्रा

भोपाल।  गृह, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने आज पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में उच्चतम वेतनमान पर कार्यरत पुलिसकर्मियों को पदनाम देने पर सैद्धांतिक सहमति व्यक्त करते हुए प्रस्ताव देने के निर्देश पुलिस महानिदेशक को दिये। उन्होंने शहीद पुलिसकर्मी और अन्य मृतक पुलिसकर्मियों के परिवारों की सहायता करने के लिये हेल्प-डेस्क प्रारंभ करने के निर्देश दिये। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि कोरोना ने हमारी दिनचर्या को प्रभावित किया है। हमें इसके अनुसार ही अपनी तैयारियाँ करनी होंगी और आवश्यक रणनीति बनाकर कार्य करना होगा। इसके पूर्व मंत्री डॉ. मिश्रा और पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जोहरी ने कोरोना जंग में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा िक कोरोना संक्रमण काल में आम व्यक्ति का पुलिस के प्रति नजरिया बदला है। कोरोना की जंग में पुलिस विभाग ने जिस तन्मयता, एकाग्रता और शालीनता के साथ कार्य किया उसकी आम जनता ने दिल से सराहना की है। लॉकडाउन की अवधि में जब आम व्यक्ति घरों में रह रहा था, तब पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा के लिये कार्य करते हुए जनता के दिलों में अपना विशेष स्थान बनाया। इस मुश्किल दौर में पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिये उनके कल्याण के लिये कार्य करने की आवश्यकता है। पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जोहरी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न कंटेनमेंट जोन में 6 हजार से अधिक पुलिसकर्मी सक्रियता पूर्वक मुस्तेदी से कार्य कर रहे है। कोरोना की जंग में इंस्पेक्टर श्री देवेन्द्र कुमार चंद्रवंशी और श्री यशवंत पाल, सब इंस्पेक्टर श्री मायाराम खराड़ी और आरक्षक श्री टिंकू रावत सेवा करते हुए शहीद हुये है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 86 पुलिसकर्मी और 5 होमगार्ड के जवान कुल 91 कर्मचारी कोरोना संक्रमित होकर उपचाररत है।
डायल 100 घर जाकर दर्ज करेगी एफआईआर
मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि पुलिस विभाग सुधारात्मक प्रक्रिया के अंतर्गत वन स्टेप-अप होकर कार्य करेगा। डायल 100 एफआरवी (फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल) लोगों की शिकायत पर घर जाकर एफआईआर दर्ज करेगी। शीघ्र ही इसके लिये आवश्यक कदम उठाएं जा रहे है। अति गंभीर मामलों को छोड़कर सामान्य मामलों में इस प्रकार की एफआईआर डायल 100 द्वारा दर्ज की जा सकेगी। शीघ्र ही आमजन को यह सुविधा मिलेगी कि उन्हें एफआईआर दर्ज कराने के लिये थाने नहीं जाना पड़ेगा।

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