भोपाल । कृषि विकास तथा कृषक कल्याण मंत्री कमल पटेल ने आज मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करते हुए प्रदेश के जिलाधिकारियों को बताया कि किसानों का हित और किसानों का कल्याण उनकी पहली प्राथमिकता है। सत्ता परिवर्तन से होने वाले व्यवस्था परिवर्तन का लाभ किसानों को उपलब्ध कराना ही प्रदेश सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रदेश में नकली दवाईयाँ और खाद-बीज बेचने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करें। कार्यवाही नहीं करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध राज्य स्तर से कार्यवाही की जायेगी। मंत्री पटेल ने कहा कि उप-संचालक कृषि सुनिश्चित कर लें कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज और दवाईयाँ उपलब्ध हो। नकली खाद-बीज के व्यापार को न केवल रोकना है अपितु जड़-मूल से समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि जो किसानों के साथ धोखाधड़ी करेगा उनके विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अन्तर्गत कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
चना-मसूर का उपार्जन उत्पादन अनुसार होगामंत्री श्री पटेल ने कहा कि चना और मसूर का उपार्जन जिलों में होने वाले उत्पादन के अनुसार किये जाने के निर्देश जारी किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरसों का उपार्जन 20 क्विंटल प्रति-हेक्टेयर किये जाने के भी निर्देश जारी किये जा रहे हैं।
खरीदी केन्द्रों पर बेनर-फ्लेक्स लगाएँमंत्री पटेल ने कहा कि किसान इस देश की रीढ़ है। किसानों को आगे बढ़ाना ही प्रदेश सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मात्र एक माह में मंडी एक्ट में संशोधन कर निजी मंडियों की भी स्थापना की अनुमति प्रदान कर दी है। एकीकृत लायसेंस प्रणाली प्रारंभ कर दी है। ई-ट्रेडिंग की अनुमति दी गई है। किसानों से हम्माली और तुलावटी की राशि नहीं लेने का निर्णय लिया गया है। किसानों को सौदा-पत्रक के आधार पर व्यापारियों को फसल बेचने की सुविधा दी गई है। किसानों के खाते में फसल बीमा राशि के 2990 करोड़ रूपये जमा कराए गए हैं। कृषि विभाग में राजभाषा हिन्दी के प्रयोग करने संबंधी निर्देश जारी किये गये हैं। किसानों की समस्या के निराकरण हेतु कमल सुविधा केन्द्र की स्थापना की गई है। उन्होंने प्रत्येक खरीदी केन्द्र पर किसानों को लाभान्वित करने संबंधी निर्णयों को प्रदर्शित करने वाले बैनर फ्लैक्स लगाने के निर्देश दिये हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव कृषि अजीत केशरी और संचालक कृषि संजीव सिंह मौजूद थे।