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मुख्यमंत्री के आवास मातोश्री के बाहर तैनात 3 जवान कोरोना पॉजिटिव; चंद्रपुर में एक हजार प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी के लिए प्रदर्शन किया


मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के बाहर तैनात तीन पुलिस के जवानों को कोरोना हो गया। इन्हें आइसोलेट कर दिया गया है। इसके बाद पूरे इलाके को सैनिटाइज किया जाएगा। बताया जा रहा है कि उनके साथ ड्यूटी में तैनात 130 जवानों को भी क्वारैंटाइन किया गया है। इसके पहले अप्रैल में मातोश्री के बाहर एक चाय वाला कोरोना संक्रमित पाया गया था। इस बीच, चंद्रपुर में शनिवार को एक हजार प्रवासी मजदूरों ने प्रदर्शन किया। इनकी मांग है कि उन्हें अपने घर जाने दिया जाए। उधर, सरकार ने संकेत दिए कि मुंबई, पुणे, नागपुर और नासिक जैसे कोरोना के रेड जोन वाले इलाकों में लॉकडाउन से किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी। साथ ही प्रवासियों और मजदूरों की घर वापसी के लिए पुणे और मुंबई से कोई ट्रेन नहीं चलाई जाएगी।

महाराष्ट्र में शनिवार को 790 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 12296 हो गई है। शनिवार को कोरोना के 36 मरीजों की मौत हुई है। राज्य में मरने वालों की संख्या 521 हो गई है। मरने वालों में 27 मुंबई से , 3 पुणे से, 3 अमरावती से , वसई विरार से 1, औरंगाबाद से 1 है। 23 मरीजों में डायबिटीज , हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग की समस्या थी।
कोरोना अपडेट्स 
नासिक: जिले में फंसे मजदूरों और प्रवासियों को घर भेजने के लिए यहां से दो ट्रेनें भोपाल और लखनऊ के लिए रवाना की गईं। श्रमिक एक्सप्रेस के नाम से चलने वाली इन ट्रेनों में महाराष्ट्र से फिलहाल नासिक को शामिल किया गया। भोपाल के लिए 347 और लखनऊ के लिए 839 यात्रियों को रवाना किया गया। यात्रा के दौरान मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य किया गया। 

पुणे: कोटा से 74 छात्रों को लेकर देर रात 12 बजे दो बसें पुणे पहुंचीं। सभी को स्वारगेट बस स्टैंड पर उतारा गया और स्क्रीनिंग की गई। बाद में होम क्वारैंटाइन करने के लिए छात्र-छात्राओं के हाथों पर मुहर लगाई गई।

मुंबई: बृहन मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के अनुसार, 55 साल से ज्यादा उम्र के जिन आपातकर्मियों को पहले से ही उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय और गुर्दे की बीमारी है, उन्हें एक माह तक घर पर ही रहने को कहा गया है। बीएमसी के मेडिकल स्टाफ के रिटायर होने का समय एक साल बढ़ा दिया है। इनमें डॉक्टर्स, हेल्थ वर्कर्स और मेडिकल टीचर शामिल हैं। बीएमसी ने काम पर 50 प्रतिशत कर्मचारी मौजूद रहने के पिछले आदेश को रद्द करते हुए 100 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। इस आदेश का पालन न करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ महामारी एक्ट की धारा 188 के तहत कार्रवाई का आदेश दिया है।

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