भोपाल। राज्य शासन ने कोरोना के विरुद्ध युद्ध में अतिरिक्त रूप से 204 डॉक्टर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इनमें से पहले आएं पहले पाएं के आधार पर पहले ज्वाइन करने वाले 50 डॉक्टर्स को भोपाल में, 50 को इंदौर में और 35 चिकित्सकों को उज्जैन में पदस्थ किया जाएगा। कोरोना संक्रमण के विरुद्ध जारी इस युद्ध में पीपीटी मास्क, सैनिटाइजेशन सामग्री, टेस्टिंग क्षमता, कोविड समर्पित अस्पतालों की संख्या में लगातार विस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में दक्ष डॉक्टरों की कमी नहीं होने देने की दृष्टि से प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों से 31 मार्च 2020 को इंटर्नशिप पूरी करने वाले 204 बंध-पत्र स्नातक चिकित्सकों को भोपाल, इंदौर और उज्जैन में पदस्थ किया गया है।
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएँ द्वारा जारी आदेश के अनुसार कोविड-19 के मरीजों की संख्या के मद्देनजर 71 बंधपत्र चिकित्सकों की सेवाएं भोपाल को 87 की सेवाएं इंदौर और 46 की सेवाएं उज्जैन के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सौंपी गई हैं। 'पहले आएं पहले पाएं' के सिद्धांत पर भोपाल में ज्वाइनिंग देने वाले पहले 50 चिकित्सकों को भोपाल में पदस्थ किया जाएगा। शेष 21 की पदस्थापना अन्य जिलों में होगी। इसी प्रकार इंदौर के लिए आदेशित 87 डॉक्टर्स में से पहले ज्वाइन करने वाले 50 डॉक्टर्स की पदस्थापना इंदौर में होगी। शेष 37 को अन्य जिलों में भेजा जाएगा। उज्जैन में पदस्थ 46 डॉक्टरों में से पहले ज्वाइन करने वाले 35 डॉक्टर्स उज्जैन जिले में तथा शेष 11 डॉक्टर्स अन्य जिलों में पदस्थ किए जाएंगे। चिकित्सकों द्वारा उपस्थित नहीं होने पर एस्मा (मध्यप्रदेश अत्यावश्यक सेवा संधारण एवं विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979) के तहत कार्यवाही की जाएगी। समस्त चिकित्सकों के रहने और भोजन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी। चिकित्सकों को प्रतिमाह रूपये 55,000 पारिश्रमिक देय होगा।