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आदिवासी क्षेत्रों में पलायन रोकने के लिये रोजगार के अवसर बढ़ाने के निर्देश


भोपाल।आदिम जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह ने कहा है कि आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार के सिलसिले में होने वाले पलायन को रोकने के लिये रोजगार के अवसर बढ़ाये जाने की जरूरत है। उन्होंने इन क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाये जाने के लिये भी कहा। मंत्री सुश्री सिंह मंत्रालय में विभागीय अधिकारियों की बैठक में योजनाओं की समीक्षा कर रही थीं। बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी भी मौजूद थीं।

मंत्री सुश्री सिंह ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है जहाँ किराये के भवनों में शालाएँ और छात्रावास संचालित हो रहे हैं, वहाँ पर सरकारी भवन प्राथमिकता के साथ बनाये जाना चाहिये। आदिम जाति कल्याण मंत्री ने कहा कि आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये कौशल विकास के काम शुरू किये जाएं। इन क्षेत्रों में सिलाई, कड़ाई और बुनाई के कामकाज को प्रथामिकता दें।
शालाओं और छात्रावासों का सेनेटाईजेशन
मंत्री सुश्री मीना सिंह ने कहा कि प्रदेश में विभागीय शाला और छात्रावासों के भवनों को शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पहले का पूरी तरह से सेनेटाईज किया जाए। उन्होंने छात्रावासों और शालाओं के चौकीदार और ऐसे कर्मियों, जो कोरोना संक्रमण के दौरान ड्यूटी में रहे हैं, उनका बीमा कराये जाने के निर्देश दिये।

मंत्री सुश्री सिंह ने आदिवासी क्षेत्रों में अच्छे कार्य वाली संस्थाओं और व्यक्तियों को दिये जाने वाले विभागीय पुरस्कारों की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने बैगा जनजाति की महिलाओं को दिये जाने वाली 1000 रुपये प्रोत्साहन राशि की भी जानकारी ली।

बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी ने बताया कि प्रदेश में 69 कन्या शिक्षा परिसर संचालित हो रहे हैं। इनमें 40 हजार से अधिक आदिवासी बालिकाएँ शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। विभाग के 23 क्रीड़ा परिसरों में 2300 छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं। विभाग द्वारा 2 लाख 73 हजार छात्र-छात्राओं को 256 करोड़ रुपये पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति वितरित की गई है। प्रमुख सचिव ने बताया कि आदिवासी क्षेत्रों में हाट बाजारों में 400 से अधिक एटीएम लगाये जाने की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है। आयुक्त आदिम जाति कल्याण श्री बी. चन्द्रशेखर ने बताया कि विभाग द्वारा बनाये जा रहे भवन समय पर बन सकें। इसके लिये परियोजना क्रियान्वयन इकाई (पीआईयू) के अधिकारियों के साथ निरंतर समीक्षा की जा रही है। बैठक में विभागीय बजट की भी जानकारी दी गई।

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