भोपाल। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अन्य राज्यों में फॅंसे खण्डवा जिले के कई मजदूर प्रशासन की मदद से अपने घरों पर पहुँच गये हैं। इन मजदूरों को भी पास की पंचायत में रोजगार गारंटी योजना में संचालित कार्यो में रोजगार उपलब्ध कराकर मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रोशन सिंह ने बताया कि खालवा विकासखण्ड के जो मजदूर महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में मजदूरी के लिए गए थे, वे लॉकडाउन के कारण वहाँ विभिन्न ग्रामों में वापस आ गए है। ऐसे 1075 मजदूरों को रोजगार देकर उन्हें नियमित मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत जोगीबेड़ा में रोजगार गारंटी योजना मे संचालित नाला विस्तारीकरण कार्य में मजदूरी कर रही रेशमा पति दीपचंद महाराष्ट्र के जिला सिल्लोर से वापस लौटी है। रेशमा महाराष्ट्र के सिल्लोर जिले में कचरा कलेक्शन का काम करती थी। लॉकडाउन के कारण वहां मजदूरी मिलना बंद हो गई, तो वह अपने गांव वापस आ गई। यहाँ आकर वह मजदूरी की तलाश में थी। तभी गाँव के पंचायत सचिव ने उसे बताया कि गांव में रोजगार गारंटी योजना के तहत चल रहे निर्माण कार्य में वह मजदूरी कर सकती है। रेशमा के साथ अन्य सैकड़ों मजदूर भी अपने गांव में रोजगार पा रहे हैं। मजदूरी में मिल रहे पैसों से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रोशन सिंह ने बताया कि खालवा विकासखण्ड के जो मजदूर महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में मजदूरी के लिए गए थे, वे लॉकडाउन के कारण वहाँ विभिन्न ग्रामों में वापस आ गए है। ऐसे 1075 मजदूरों को रोजगार देकर उन्हें नियमित मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत जोगीबेड़ा में रोजगार गारंटी योजना मे संचालित नाला विस्तारीकरण कार्य में मजदूरी कर रही रेशमा पति दीपचंद महाराष्ट्र के जिला सिल्लोर से वापस लौटी है। रेशमा महाराष्ट्र के सिल्लोर जिले में कचरा कलेक्शन का काम करती थी। लॉकडाउन के कारण वहां मजदूरी मिलना बंद हो गई, तो वह अपने गांव वापस आ गई। यहाँ आकर वह मजदूरी की तलाश में थी। तभी गाँव के पंचायत सचिव ने उसे बताया कि गांव में रोजगार गारंटी योजना के तहत चल रहे निर्माण कार्य में वह मजदूरी कर सकती है। रेशमा के साथ अन्य सैकड़ों मजदूर भी अपने गांव में रोजगार पा रहे हैं। मजदूरी में मिल रहे पैसों से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे है।