भोपाल। राज्य आनंद संस्थान द्वारा ऑनलाइन कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से पाँच दिवसीय अल्प-विराम सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इस कार्यक्रम में भाग लेने के इच्छुक व्यक्ति संस्थान की वेबसाइट https://www.anandsansthanmp./ पर अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
पाँच दिवसीय अल्प-विराम कार्यक्रम में प्रतिदिन सुबह 10 से 11.30 बजे तक सत्र होगा। इसके पहले सुबह 7 से 8 बजे तक सभी प्रतिभागियों को स्वयं डायरी पेन के साथ एक घंटा दिए गये प्रश्नों का अल्प-विराम लेना होगा।
'प्रथम आये-प्रथम पाए' फार्मूले के आधार पर 40 प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा। कार्यक्रम के संबंध में अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर-7723929667 पर प्राप्त की जा सकती है। जिन आवेदकों को अल्प-विराम कार्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा, उनके मोबाइल नम्बर के आधार पर संवाद के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। व्हाट्सएप ग्रुप पर सभी प्रतिभागी एक-दूसरे से परिचय प्राप्त करेंगे।
प्रतिदिन सुबह 10 से 11.30 बजे सत्र की लॉगइन आईडी एवं यूजर पासवर्ड WhatsApp group पर दिया जायेगा। सत्र के लिए आप अपने घर में किसी भी शांत स्थान पर डायरी एवं पेन के साथ बैठें।
पाँच दिवसीय अल्प-विराम कार्यक्रम में प्रतिदिन सुबह 10 से 11.30 बजे तक सत्र होगा। इसके पहले सुबह 7 से 8 बजे तक सभी प्रतिभागियों को स्वयं डायरी पेन के साथ एक घंटा दिए गये प्रश्नों का अल्प-विराम लेना होगा।
'प्रथम आये-प्रथम पाए' फार्मूले के आधार पर 40 प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा। कार्यक्रम के संबंध में अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर-7723929667 पर प्राप्त की जा सकती है। जिन आवेदकों को अल्प-विराम कार्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा, उनके मोबाइल नम्बर के आधार पर संवाद के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। व्हाट्सएप ग्रुप पर सभी प्रतिभागी एक-दूसरे से परिचय प्राप्त करेंगे।
प्रतिदिन सुबह 10 से 11.30 बजे सत्र की लॉगइन आईडी एवं यूजर पासवर्ड WhatsApp group पर दिया जायेगा। सत्र के लिए आप अपने घर में किसी भी शांत स्थान पर डायरी एवं पेन के साथ बैठें।
सत्रों का विषयसत्र में पहले दिन- सेल्फ अवेयरनेस (समाज, परिवार एवं स्वयं के प्रति जागरूकता), दूसरे दिन- चिंता का दायरा-प्रभाव का दायरा, (कैसे चिंता को चिंतन में परिवर्तित कर समाधान की ओर बढ़ें), तीसरे दिन-जीवन का लेखा-जोखा (कृतज्ञता, क्षमा, माफी, धन्यवाद), चौथे दिन- सम्पर्क, सुधार और दिशा (शांत समय में भीतर की शक्ति से जुड़ना) और पाँचवे दिन- संबंध एवं जीवन का उद्देश्य विषय पर परिचर्चा होगा।