भोपाल/जबलपुर। मध्य प्रदेश की पहली महिला प्लाज्मा डोनर सुनीता अग्रवाल दो लोगों की जिंदगी बचाएंगी। वह मंगलवार को जबलपुर से भोपाल आई थीं, चिरायु अस्पताल में उनका 44 एमएल प्लाज्मा लिया गया है। 200 एमएल की एक यूनिट बनती है। इस तरह से दो यूनिट प्लाज्मा दो कोरोना पेशेंट को चढ़ाया जाएगा। खुद कोविड -19 के संक्रमण को मात दे चुकीं सुनीता बुधवार को जबलपुर के लिए रवाना हो गईं हैं। उन्होंने फोन पर बातचीत में भास्कर से कहा- किसी की जान प्लाज्मा से बच जाए। उस पर भी भी दो-दो लोगों की जान। इससे ज्यादा ज्यादा खुशी की बात क्या होगी। मैं और मेरे परिवार ने कोरोना का दर्द सहा है। इसलिए जब हमारे पास मदद के लिए फोन आया तो हम फौरन तैयार हो गए। हालांकि सुनीता की तबियत ठीक न होनेे की वजह से ज्यादा बातचीत नहीं कर पाईं।
मुझे अपनी मां पर गर्व है: पलकप्लाज्मा डोनर सुनीता अग्रवाल का प्लाज्मा नवल सिंह बाथम को दिया जाएगा, जो परिवहन विभाग में अधिकारी हैं। वो कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं। सुनीता अग्रवाल का ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव और नवल सिंह बाथम के ब्लड ग्रुप से मैच कर गया। चिरायु अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने उनका मंगलवार को देर रात उनका प्लाज्मा लिया है, एक यूनिट मरीज को चढ़ाने के बाद दूसरी यूनिट को स्टोर किया जाएगा। सुनीता के साथ भोपाल आईं उनकी बेटी पलक ने बताया कि मां की एक दोस्त हैं समाज सेवी सोनू भाटिया। उन्होंने मां को इसके लिए संपर्क किया था और मां ने इस नेक काम के लिए एक बार में हां कर दी थी। हमें बहुत खुशी है कि हमारी वजह से कोरोना संक्रमित किसी मरीज की जान बच सकती है। पलक खुद भी कोरोना पॉजिटिव रही हैं और उन्होंने संक्रमण को मात दी है। मुझे अपनी मां पर गर्व है और इससे समाज के कई लोगों को प्रेरणा मिलेगी, जिससे हम कोरोना से और मजबूरी से लड़ पाएंगे।
जबलपुर में प्रदेश का पहला कोरोना पॉजिटिव परिवार थाजबलपुर में 20 मार्च को कोरोना पॉजिटिव चार मरीज मिले थे। इन मरीजों में एक ही परिवार के तीन सदस्य शामिल थे। इस परिवार की महिला और उनके पति कोरोना वायरस से ठीक होकर 5 अप्रैल को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिए गए थे। अब इसी परिवार की सुनीता अग्रवाल मंगलवार देर रात भोपाल के चिरायु अस्पताल में अपना प्लाज्मा डोनेट कर चुकी हैं। आभूषण कारोबारी मुकेश अग्रवाल की पत्नी सुनीता 20 मार्च को कोरोना पॉजिटिव पाई गईं थी और कोरोना को हराकर वे स्वस्थ भी हो गई। भोपाल से मिली सूचना के बाद जबलपुर जिला प्रशासन ने अग्रवाल परिवार से संपर्क किया और सुनीता प्लाज्मा डोनेट करने के लिए तैयार हो गईं। मंगलवार दोपहर 3 बजे ही सुनीता अपनी बेटी पलक के साथ भोपाल के लिए रवाना हुई थी।