भोपाल। खरगोन जिले के अलग-अलग गाँव के ग्रामीण मजदूरी करने के लिये गुजरात के खेड़ा जिले में गए थे। वहां बीते एक माह से लॉक डाउन की वजह से फंसे हुए थे। उन्हें जैसे ही मालूम हुआ कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा उन्हें गृह जिले में पहुँचाने की व्यवस्था की जा रही है, उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। करीब 40 परिवारों के लगभग 200 सदस्य अभी मंगलवार को गुजरात-मध्यप्रदेश सीमा पर अलीराजपुर जिले के चांदपुर चैक पोस्ट पर पहुँचे।
अलीराजपुर पहुँचे इन परिवारों के सभी सदस्यों का जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। इसके बाद सभी के लिए चांदपुर राहत शिविर में भोजन आदि की व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कराई गईं। खरगोन जिले के ग्राम बमनाला, खेडी, बडगांव, गोवांव, बिलखेडी, सोनीपुरा, हीरापुर सहित करीब 20 से अधिक ग्रामों के इन श्रमिकों को उनके गृह जिला खरगोन पहुँचाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई। व्यवस्थाओं से खुश ये श्रमिक खुशी-खुशी अपने घरों की ओर लौटे। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल और बेहतर व्यवस्थाओं को सराहा।
करीब एक माह के लंबे इंतजार के बाद अपने घर पहुँचने की खुशी बयाँ करते हुए बरीराम वानखेडे, रामकिशन भार्गव, सलिता भार्गव, दीपमाला मिश्रा सहित कई श्रमिकों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ एक-एक दिन बड़ी ही चिंता के साथ काट रहे थे। ऐसे में मुख्यमंत्री की पहल पर हम खुशी-खुशी अपने घरों को पहुँच गये हैं।
अलीराजपुर पहुँचे इन परिवारों के सभी सदस्यों का जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। इसके बाद सभी के लिए चांदपुर राहत शिविर में भोजन आदि की व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कराई गईं। खरगोन जिले के ग्राम बमनाला, खेडी, बडगांव, गोवांव, बिलखेडी, सोनीपुरा, हीरापुर सहित करीब 20 से अधिक ग्रामों के इन श्रमिकों को उनके गृह जिला खरगोन पहुँचाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई। व्यवस्थाओं से खुश ये श्रमिक खुशी-खुशी अपने घरों की ओर लौटे। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल और बेहतर व्यवस्थाओं को सराहा।
करीब एक माह के लंबे इंतजार के बाद अपने घर पहुँचने की खुशी बयाँ करते हुए बरीराम वानखेडे, रामकिशन भार्गव, सलिता भार्गव, दीपमाला मिश्रा सहित कई श्रमिकों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ एक-एक दिन बड़ी ही चिंता के साथ काट रहे थे। ऐसे में मुख्यमंत्री की पहल पर हम खुशी-खुशी अपने घरों को पहुँच गये हैं।