नई दिल्ली। आर्मी डे परेड की कमान पहली बार महिला अफसर को सौंपी गई। सेना की कैप्टन तानिया शेरगिल ने बुधवार को दिल्ली कैंट के करियप्पा परेड ग्राउंड पर सैन्य टुकड़ियों का नेतृत्व किया। आर्मी डे की परेड में शामिल टुकड़ियों में केवल पुरुष सैनिक शामिल थे। कैप्टन शेरगिल 26 जनवरी को राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड का नेतृत्व भी करेंगी। पिछले साल भी महिला अफसर कैप्टन भावना कस्तूरी ने गणतंत्र दिवस की परेड का नेतृत्व किया था। तानिया के पिता, दादा और परदादा भी सेना में शामिल रहे हैं।
तानिया शेरगिल थल सेना के सिग्नल कॉर्प्स में कैप्टन हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में बी-टेक तानिया को चेन्नई की ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से 2017 में कमीशन मिला था।
चार पीढ़ियों से सेना में शेरगिल परिवार
तानिया शेरगिल के परिवार की चार पीढ़ियां सेना में शामिल रही हैं। उनके पिता 101 मीडियम आर्टिलरी रेजीमेंट में थे। दादा 14वीं आर्म्ड रेजीमेंट (शिंदे हॉर्स) के सदस्य थे। तानिया के परदादा सेना की सिख रेजीमेंट में थे।
सीडीएस सेना दिवस के कार्यक्रम में शामिल
दिल्ली में हुए कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत मौजूद रहे। जनरल एमएम नरवणे (थल सेना प्रमुख), एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (वायु सेना प्रमुख) और एडमिरल करमबीर सिंह (नौ सेना प्रमुख) भी सेना दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए।
भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ रहे फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। करियप्पा ने 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश सेनानायक सर फ्रांसिस बुचर से प्रभार लिया था। उन्होंने 1947 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। वे 1986 में फील्ड मार्शल की पदवी हासिल करने वाले दूसरे अफसर थे। पहले फील्ड मार्शल जनरल एसएफजे मानेकशॉ थे, जिन्हें यह खिताब मिला था।