मुंबई। एक्ट्रेस आलिया भट्ट की मां और फिल्ममेकर महेश भट्ट की पत्नी सोनी राजदान ने आतंकी अफजल गुरू की फांसी पर सवाल उठाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में अफजल को बलि का बकरा बताया है। अफजल 2001 में संसद पर हुए हमलों का दोषी था। 9 फरवरी 2013 को उसे फांसी पर लटकाया गया था। इन दिनों अफजल द्वारा वकील सुशील कुमार को लिखा पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें उसने निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह पर संसद हमले की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था। अफजल ने यह पत्र तिहाड़ जेल से लिखा था। बता दें कि देविंदर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एनआईए के हवाले कर दिया है। इस मामले में जांच शुरू हो गई है।
अफजल को बलि का बकरा क्यों बनाया गया: सोनी
सोनी ने अफजल के पत्र पर बनी खबर की एक लिंक शेयर करते हुए लिखा, "यह न्याय का उपहास है। अगर वह (अफजल) बेगुनाह साबित होता है तो कौन उस मर चुके आदमी को वापस लाएगा। इसलिए मौत की सजा को हल्के में नहीं लेना चाहिए और इस बात की सख्त जांच की जरूरत है कि अफजल गुरू को बलि का बकरा क्यों बनाया गया?"
ट्विटर यूजर्स ने कड़ी प्रतिक्रिया दी
सोनी के ट्वीट पर ट्विटर यूजर्स ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। एक ने लिखा, "लानत है तुम पर। उन लोगों का क्या जो संसद और सांसदों को बचाने में अपनी जिंदगी गंवा बैठे? स्केपगोट (बलि का बकरा) माय फुट। यही वजह है कि हम 'छपाक' का बहिष्कार कर रहे हैं। शिकारा का बहिष्कार कर रहे हैं।"
एक यूजर का कमेंट है, "दाऊद से पैसे मिल रहे हैं क्या तुम बॉलीवुड वालों को, जो अपने देश के ही खिलाफ बोलते हो? लानत है तुम पर।" एक अन्य यूजर ने लिखा, "हम आतंकी की मौत पर आंसू नहीं बहाते। दुनिया उनके बगैर बेहतर है। तुम भी मेरा अनुसरण करो।"
विवाद हुआ तो सोनी ने सफाई दी
सोनी के ट्वीट पर जब विवाद शुरू हुआ तो उन्होंने सफाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, "यह कोई नहीं कह रहा कि वह बेगुनाह था। लेकिन, अगर उसे सताया गया था तो क्या इस मामले में जांच नहीं होनी चाहिए? आखिर क्यों कोई देविंदर सिंह पर उसके आरोपों को गंभीरता से नहीं ले रहा है। यही मजाक है।"
पत्र में अफजल ने यह लिखा था
पत्र में अफजल ने आरोप लगाया था कि देविंदर सिंह और जम्मू-कश्मीर पुलिस के अन्य अधिकारियों ने न केवल उसे यातनाएं दी थीं, बल्कि मोहम्मद नाम के आतंकी से भी मिलवाया था, जिसने बाद में संसद पर हमला किया। अफजल का दावा था कि देविंदर ने उससे एक कार और आतंकियों के ठहरने की व्यवस्था करने को कहा था। हालांकि, अथॉरिटीज द्वारा धमाके में देविंदर की भूमिका की जांच नहीं की गई।