भोपाल। पशुपालन, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने बानमोर में सहकारी दुग्ध संघ मुरैना द्वारा संचालित दुग्ध संयंत्र एवं रायरू में शासकीय कुक्कुट पालन प्रक्षेत्र का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार कड़कनाथ और आरआईआर प्रजाति की मुर्गियों के चूजे पालकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इन प्रजातियों के मुर्गी-पालन के लिये हितग्राहियों को प्रोत्साहित करें।
मंत्री श्री यादव ने प्रक्षेत्र में कड़कनाथ, आरआईआर और चेपब्रो प्रजाति के मुर्गी पालन के साथ इन प्रजातियों की मुर्गियों के अंडों से विशेष मशीन द्वारा 21 दिन में चूजे निकलने की प्रक्रिया को देखा। इस प्रक्रिया में 18 दिन तक अंडों को मशीन में रखकर निर्धारित तापमान दिया जाता है। इसके बाद तीन दिन हेचर होने पर मुर्गी का चूजा प्राप्त होता है। चूजों को अनुकूल वातावरण देकर उनकी देख-रेख की जाती है। शासकीय कुक्कुट-पालन प्रक्षेत्र रायरू में 6-7 हजार मुर्गे एवं मुर्गियां हैं। यहाँ तैयार चूजे ग्वालियर एवं चंबल संभाग में सप्लाई किए जा रहे हैं। पशुपालन मंत्री ने प्रक्षेत्र की गतिविधियों की सराहना की।
पशुपालन मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने बानमोर में अधिकारियों को दुग्ध संयंत्र की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने दूध की पैकिंग, पाउडर प्लांट, क्वालिटी कन्ट्रोल लैब, कलेक्शन डॉक और आरएसआरडी का अवलोकन किया।