भोपाल। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार, एशियन डेव्हलपमेंट बैंक के माध्यम से प्रदेश में शीघ्र ही सड़क सुरक्षा पर प्रोग्राम लांच करने जा रहा है। इस बारे में एशियन डेव्हलपमेंट बैंक की सलाहकार समिति के सदस्यों ने पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान में रोड सेफ्टी सेल के नोडल अधिकारियों से चर्चा की।
टीम के सदस्यों में श्री पी.आर. देवराज, श्री गिरीश मिश्र और सुश्री सोनल शाह ने पी.डब्ल्यू.डी., नेशनल हाई-वे, एमपीआरडीसी, शिक्षा, परिवहन, स्वास्थ्य और नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। सदस्यों ने सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर को कम करने के लिये किये गये कारगर उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
बैठक में बताया गया कि पशुओं के कारण होने वाली सड़क दुघर्टनाओं को रोकने के लिये गाँवों में मार्ग-मित्र बनाये गये हैं। इनके माध्यम से पिछले एक साल में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है। मार्ग-मित्र को मोटीवेशन के तौर पर सम्मानित किया जाता है। प्रत्येक 500 तक की आबादी वाले गाँव में मार्ग-मित्र सड़क दुघर्टनाओं को रोकने के लिये प्रयासरत हैं। ग्रामीणों के व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिये भी सड़क सुरक्षा कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किये जा रहे हैं।
बताया गया कि एम्बुलेंस की उपलब्धता के लिये सभी एम्बुलेंसों का एक कामन प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। नेशनल हाई-वे पर हर 50 किलोमीटर पर एम्बुलेंस उपलब्ध है। इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग की 606 लाइफ स्पोर्ट 108-एम्बुलेंस भी कार्य कर रही हैं। प्रत्येक जिले में ट्रामा सेन्टर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 44 जिलों में भवन निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसमें से 41 ट्रामा सेंटर शुरू हो चुके हैं।