नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस ने भारत में एक अरब डॉलर (7100 करोड़ रुपए) के निवेश का ऐलान कर कोई अहसान नहीं किया। गोयल ने भारतीय कारोबार में अमेजन के घाटे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कोई कंपनी इतना नुकसान कैसे उठा सकती है। गोयल ने रायसीना डायलॉग में यह चर्चा की। अमेजन ने 2018-19 में 7,000 करोड़ रुपए का घाटा होने की जानकारी दी थी।
बेजोस की किसी मंत्री या सरकारी अधिकारी से मुलाकात नहीं हुई
तीन दिन के भारत दौरे पर आए बेजोस ने बुधवार को कहा था कि अगले 5 साल में 71 हजार करोड़ रुपए के मेक इन इंडिया प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करेंगे। देश के छोटे-मध्यम कारोबारों को डिजिटाइज करने के लिए 7,100 करोड़ रुपए का निवेश भी किया जाएगा। तीन दिन में बेजोस की किसी सरकारी अधिकारी या मंत्री से मुलाकात होने की जानकारी नहीं है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक बेजोस ने प्रधानमंत्री से मिलने का वक्त भी मांगा था।
'ई-कॉमर्स कंपनियां मल्टी ब्रांड रिटेल में बैक-डोर एंट्री की गुंजाइश नहीं तलाशें'
गोयल का कहना था कि अमेजन ने पिछले कुछ सालों में वेयरहाउस में निवेश किया, इसका स्वागत करते हैं। लेकिन, कंपनी ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस में हो रहे घाटे की वजह से पैसा लगा रही है तो क्या मतलब? ई-कॉमर्स कंपनियों को नियमों का पालन करना होगा। उन्हें मल्टी-ब्रांड रिटेल में बैक-डोर एंट्री की गुंजाइश नहीं तलाशनी चाहिए। देश के मल्टी-ब्रांड रिटेल सेक्टर में 49% से ज्यादा एफडीआई की इजाजत नहीं है। वाणिज्य मंत्री ने कहा- एक कंपनी जो कि अपने ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस के जरिए खरीदार और विक्रेताओं को प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाती है, वह इतना घाटा उठा रही है। व्यापार नियमों का उल्लंघन किए बिना यह कैसे हो सकता है? इस बात पर विचार करने की जरूरत है। ये वास्तविक सवाल है, मुझे भरोसा है कि ऐसे मामलों को देखने वाली अथॉरिटी जवाब तलाशेगी।
अमेजन, फ्लिपकार्ट के खिलाफ जांच जारी
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सोमवार को अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ जांच का आदेश दिया था। इन कंपनियों पर कुछ विक्रेताओं को तरजीह देकर प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन के आरोप हैं। दिल्ली व्यापर महासंघ ने सीसीआई से शिकायत की थी।