छतरपुर। हनी ट्रैप मामले में अब छतरपुर की दूसरी लड़की का नाम भी सामने आया है। इंदौर के होटल में आरती दयाल के साथ एक अन्य लड़की रूपा अहिरवार भी ठहरी थी। होटल के रिकार्ड में रूपा का परिचय पत्र मिला है। रूपा छतरपुर जिले के पनौठा गांव की रहने वाली है। अब इंदौर पुलिस आरती की इस साथी रूप अहिरवार की तलाश कर रही है। घटना से जुड़े सबूतों की तलाश में पिछले कई दिनों से इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम छतरपुर में डेरा डाले हुए हैं। सोमवार की सुबह टीम ने फिर से घर के अंदर दाखिल होने का प्रयास किया, पर असफल होकर लौट गई।
पति को छोड़कर लिव इन में रहती थी आरती दयाल, पार्टनर को भी धोखा दिया
हनी ट्रैप मामले में छतरपुर की आरती दयाल के संबंध में अधिक से अधिक जानकारी जुटाने के लिए इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम तीन दिनों से छतरपुर में डेरा डाले हुए हैं। कई बार प्रयास करने के बाद भी जब यह टीम आरती के घर की तलाशी नहीं ले सकी है, जिससे आरती से जुड़े अन्य नामचीन लोगों के कई और राज सामने आ सकते हैं। इन्हीं सबूतों को तलाशने के लिए सोमवार की सुबह यह टीम एक बार फिर से आरती दयाल के पैत्रित घर पहुंची।
घर पर मां अकेली होने के कारण उसने घर का दरवाजा नहीं खोला। इस दौरान इस टीम ने अपने साथ लिए और मकान के बाहर लगे दो सीसीटीवी कैमरों के वायर काटे। इसके बाद ओजारों की सहायता से मकान में लगे तलों को खोलने का प्रयास किया। इस दौरान कॉलोनी के अन्य लोगों के एकत्र हो जाने और आरती की मां द्वारा डायल 100 पुलिस को फोन कर देने के कारण यह टीम ओजारों से भरा बैग मौके पर ही छोड़कर भाग गई।
आरती को लेकर छतरपुर आएगी इंदौर पुलिस : न्यायालय से रिमांड लेने के बाद सोमवार की दोपहर इंदौर पुलिस आरती दयाल को लेकर छतरपुर के लिए रवाना हुई थी। लेकिन इसी बीच फिर से आरती की तबियत बिगड़ गई इस कारण उसे दुबारा इंदौर में ही अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
रूपा भी छोड़ चुकी है अपने पति को
रूपा अहिरवार छतरपुर से 10 किमी दूर स्थित ग्राम पनौठा के वीर अहिरवार की बड़ी बेटी है। अब पिछले कुछ सालों से वे अपने बच्चों के साथ बीड़ी काॅलोनी देरी रोड छतरपुर में रह रहे हैं। पिता ने रूपा का विवाह वर्ष 2012 में इटारसी के जगदीश के साथ कर दिया था। कुछ दिनों ससुराल में रहने के बाद उसने ससुराल से किनारा कर लिया और छतरपुर लौट आई थी। अब उसका पति से तलाक हो चुका है। ससुराल छोड़कर कुछ साल पहले वह देरी रोड पर बीड़ी मजदूर काॅलोनी में रहने लगी थी। यहीं से वह आरती दयाल के संपर्क में आई। आरती अपने साथ रूपा को भी भोपाल ले गई। रूपा भोपाल में रहते हुए आरती के काम में मदद करती थी। रूपा के परिजनों का कहना है कि रूपा से उनका संपर्क पिछले करीब दो सप्ताह से नहीं हो पाया है।
जब से इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम छतरपुर पहुंची है, तभी से यह टीम जिला पुलिस की मदद नहीं ले रही है। यह टीम आखिर स्वयं इस तरह से कार्य क्यों कर रही है। यह बात शहर के लोगों के गले से नहीं उतर रही है। यदि क्राइम ब्रांच की टीम स्थानीय पुलिस की मदद लेगी तो उन्हे मदद ही मिलेगी। एक सवाल यह भी है कि सोमवार को डायल 100 पुलिस के पहुंचने से पहले आखिर यह टीम मौके से क्यों गायब हो गई। जिस दिन यह टीम छतरपुर पहुंची उस दिन एएसपी जयराज कुबेर ने उन्हें स्थानीय पुलिस की मदद देने की कोशिश भी की, पर उन्होंने नहीं ली।