भोपाल। रेरा अध्यक्ष श्री अन्टोनी डिसा ने कहा है कि रेरा एक्ट घर खरीदारों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि घर खरीददार को जागरूक किये बगैर एक्ट की मंशा पूरी नहीं हो सकती। श्री डिसा ने कहा कि यह एक ऐसा सामाजिक दायित्व है, जो जरूरतमंदों के सपनों को पूरा करता है। इस काम में विधि-विशेषज्ञों की महत्वूपर्ण भूमिका र सहभागिता आवश्यक है। श्री डिसा आज यहाँ 'रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम' कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
श्री डिसा ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर के लिये रेरा के नियमों का पालन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि रेरा एक्ट आवासीय क्षेत्र की सफलता की चाबी है। एक्ट नागरिक केन्द्रित तो है परन्तु बिल्डरों के विरूद्ध नहीं है। प्रदेश में रेरा एक्ट आने से रियल एस्टेट क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि इससे जो बदलाव आयेगा, उससे बिल्डरों को ज्यादा खरीदार मिलने के साथ ही बाजार में मांग भी बढ़ेगी। समय पर खरीदार अपनी गाढ़ी कमाई से पसंदीदा आवास प्राप्त कर सकेंगे। रेरा अध्यक्ष ने कहा कि रियल स्टेट भारतीय अर्थ-व्यवस्था में योगदान देने वाला एक महत्वपूर्ण घटक है। इससे सामाजिक जरूरत पूरी होने के साथ अर्थ-व्यवस्था को भी बल मिलता है।
द्वितीय सत्र के वक्ता श्री प्रतीक जैन, श्री अपूर्व तरण जैन विधि सहयोगी ने रेरा के मूलभूत स्वरूप, बाजारीकरण की स्थिति पर विचार रखे। उन्होंने रेरा एक्ट के समग्र प्रभावकारी परिणामों की यथार्थ परक वस्तु-स्थिति को स्पष्ट करते हुए घर खरीदारों को रेरा से प्राप्त होने वाले सुरक्षात्मक पक्ष तथा विधि-अधिनियम की शक्तियों से परिचित करवाया।