लखनऊ/देहरादून। असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू होने के बाद इसे लेकर देश में नई बहस शुरू हो गई है। हरियाणा के बाद सोमवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्यों में जरूरत पड़ने पर इसे लागू करने की बात कही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक इंटरव्यू में इसके संकेत दिए। योगी ने असम में एनआरसी के फैसले को जरूरी और साहसिक कदम बताया। उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखंड में एनआरसी लागू हो सकता है। इस बारे में कैबिनेट के साथ चर्चा करेंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में जिस तरह से एनआरसी लागू किया गया वो हमारे लिए एक अच्छा उदाहरण बन सकता है। हम वहां के अनुभव को देखते हुए उप्र में भी इसे लागू कर सकते हैं। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। इससे गरीबों के अधिकार छीन रहे घुसपैठियों को रोकने में मदद मिलेगी। उप्र में कुछ चरणों में जरूरत के हिसाब से एनआरसी लागू किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उत्तराखंड में भी एनआरसी घुसपैठ रोकने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है। उत्तराखंड भी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घिरा है। राज्य के उधम सिंह नगर जिले के कई क्षेत्रों में बांग्लादेशी लोगों की संख्या अधिक है। विभाजन के दौरान बड़ी संख्या में लोग उत्तराखंड आ गए थे।
रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी अपने प्रदेश में एनआरसी लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र पर हरियाणा सरकार तेजी से कार्य कर रही है। इसके आंकड़ों का उपयोग राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर में भी किया जाएगा। दूसरी ओर, खट्टर के इस बयान पर कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो भी कहा है, वह पहले से ही कानून में है। विदेशियों को राज्य से बाहर जाना होगा। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि विदेशियों को पहचान करे।
असम में एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त को जारी कर दी गई थी। सूची में 19 लाख 6 हजार 657 लोग बाहर थे। इसमें वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने कोई दावा पेश नहीं किया था। 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 लोगों को वैध करार दिया गया है। असम में एनआरसी की सूची जारी होने के बाद दिल्ली भाजपा प्रमुख और सांसद मनोज तिवारी ने राष्ट्रीय राजधानी में भी एनआरसी लागू करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि अवैध रूप से दिल्ली आकर रह रहे लोगों के चलते राजधानी में स्थिति ठीक नहीं है। तिवारी ने वाराणसी में कहा था कि देश के संसाधनों पर यहां के लोगों का हक है। जो घुसपैठिए हैं, उन्हें हम ट्रेन में बिठाकर उनके देश भेजेंगे।