नई दिल्ली। मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के विरोध में गुरुवार को दिल्ली और नोएडा में परिवहन संगठनों ने हड़ताल बुलाई। ऑटो-टैक्सी, प्राइवेट स्कूल बसों, ओला-उबर और क्लस्टर बसों के 34 निजी संगठन सुबह 6 बजे से लेकर रात 10 बजे तक हड़ताल पर रहेंगे। इसके चलते दोनों शहरों में यात्रियों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली-नोएडा में कुछ निजी स्कूलों को बंद रखा गया है। इसके अलावा कुछ ऑफिसों में भी छुट्टी का ऐलान किया गया।
कई अभिभावकों को स्कूलों से गुरुवार सुबह ही छुट्टी का मैसेज मिला। इसके अलावा कुछ अन्य स्कूलों ने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पैरेंट्स से वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए कहा। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रतिनिधि के मुताबिक, ज्यादातर स्कूलों को एहतियात के तौर पर बंद रखा गया है। परीक्षाओं की तारीख भी आगे बढ़ाई गई है।
विस्तारा, इंडिगो, स्पाइसजेट और गोएयर फ्लाइट सेवाओं ने पहले ही यात्रियों को मैसेज कर एयरपोर्ट पहुंचने के लिए अपनी यात्रा व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (यूएफटीए) के मुताबिक, एमवी एक्ट के बढ़े हुए जुर्माने का विरोध
किया जा रहा है। इसके अलावा वाहन-ड्राइवरों के लिए इंश्योरेंस और मेडिकल सेवाओं में सुविधा देने की मांग की गई है। एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर फ्री पार्किंग टाइम बढ़ाने की मांग है।
सरकार को इन्फ्रास्ट्रक्चर भी देना चाहिए: परिवहन संगठन
दिल्ली-नोएडा में करीब 50 हजार वाहन सड़कों से दूर हैं। नोएडा ट्रांसपोर्ट यूनाइटेड फ्रंट ने भी यूएफटीए का साथ देते हुए हड़ताल का ऐलान किया। यूएफटीए के अध्यक्ष हरीश सभरवाल ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट के नए प्रावधानों के तहत भारी जुर्माने पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने इसे भ्रष्टाचार का नया साधन बताया। उन्होंने कहा, “सरकार ने जुर्माना तो बढ़ा दिया, लेकिन इसे ठीक से लागू करने के लिए कोई इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं तैयार किया। ट्रैफिक इंस्पेक्टरों के पास अब भी बॉडी कैमरा नहीं है, न ही उनके पास कोई माइक्रोफोन है। सरकार ने तय किया था कि सिर्फ एसीपी और एसडीएम रैंक का अफसर ही बड़े चालान करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।”