भोपाल। चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जल स्तर से अटेर और सिंध नदी में जल स्तर बढ़ने से भिण्ड तथा लहार क्षेत्र में नदी किनारे बसे गाँवों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई है। सबसे ज्यादा प्रभावित अटेर क्षेत्र के ग्राम मुकुटपुरा, दिन्नपुरा नावली वृन्दावन, रमाकोट, खैराहट, नखनोली की मढैयन, कोषण की मढैयन, चिलोंगा, चौम्हो, कछपुरा, तरसोखर और भिण्ड क्षेत्र के टेहनगुर, ज्ञानपुरा, द्वार, कनकपुरा, जखमोली तथा लहार क्षेत्र के बड़ा हिलगवां बघेल छोटा हिलगवां, दोहई हैं। इन गाँवों में फँसे लोगों को प्रशासन द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है।
अभी तक ग्राम नखनोली, रमाकोट, कोषण, नावली वृन्दावन, मुकुटपुरा चौम्हो, कछपुरा, तरसोखर और दिन्नपुरा से लगभग 2500 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला गया है। भिण्ड और लहार के ग्राम टेहनगुर, ज्ञानपुरा, बड़ा हिलगवां बघेल, छोटा हिलगवां और दोहई से लगभग 500 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया है। रेस्क्यू किये गए 900 से ज्यादा लोगों को जिला प्रशासन द्वारा बनाये गए राहत शिविरों में पहुँचा दिया गया है। बाकी लोग अपने रिश्तेदारों एवं मिलने वालों के यहाँ सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।
जिला प्रशासन, होमगार्ड, सेना, पुलिस और एसडीआरएफ के 750 से ज्यादा जवान लगातार लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा रहे हैं। अटेर, भिण्ड और लहार में नदियों का जलस्तर बढ़ने से लगभग 4500 से ज्यादा जनसंख्या, 550 से ज्यादा मकान और 934 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल की फसलें प्रभावित हैं। तकरीबन 700 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकसान होने का अनुमान है।
कलेक्टर भिण्ड श्री छोटे सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री रुडोल्फ अल्वारेस बाढ़ की स्थिति पर नजर रखे हैं। दोनों अधिकारी रेस्क्यू ऑपरेशन में मौजूद रह कर स्थिति पर पकड़ बनाये हुए हैं। राहत शिविरों में सभी व्यवस्थाएँ की गई हैं।