नई दिल्ली। देश में पहली बार 2021 की जनगणना डिजिटल तरीके से होगी। इसके लिए केंद्र सरकार एक खास मोबाइल ऐप विकसित करवा रही है। एंड्रायड फोन के लिए इस ऐप का निर्माण देश में ही किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को बताया कि डिजिटल तरीके से जनसंख्या के आंकड़े जुटाने से कागजी जनगणना से कम वक्त लगेगा। शाह ने सभी जरूरी सुविधाओं के लिए एक यूनिवर्सल कार्ड लाने के संकेत भी दिए। उन्होंने कहा कि आधार, पासपोर्ट, बैंक खाते, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र आदि के बदले सिर्फ एक कार्ड की योजना संभव है।
गृह मंत्री ने कहा कि जनगणना की नई तकनीक में ऐसे भी इंतजाम होंगे कि अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो यह स्वत: ही जनसंख्या के आंकड़े में अपडेट हो जाएगा। जनगणना के आंकड़े जुटाना परेशानी भरा नहीं है। इस तरह के कार्य लोगों तक सरकारी सुविधाओं को पहुंचाने में मदद करते हैं। 2021 की जनगणना में पहली बार नेशनल पॉपुलेश रजिस्टर (एनपीआर) तैयार किया जा रहा है। एनपीआर देश में विभिन्न सरकारी समस्याओं को सुलझाने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार होगा जब अन्य पिछड़े वर्ग से संबंधित आंकड़ों को जनगणना में शामिल किया जाएगा। डिजिटल जनगणना के लिए 12 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। 2021 की जनगणना के लिए 12 अगस्त से शुरू हुआ परीक्षण इस महीने के आखिर तक पूरा हो जाएगा।