श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 12 दिन बाद शनिवार को राज्य के कुछ हिस्सों में 2जी इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दीं। जम्मू, रियासी, सांबा, कठुआ और उधमपुर में इंटरनेट सेवाएं शुरू हो गईं। इसके अलावा घाटी के 17 टेलिफोन एक्सचेंज पर लैंडलाइन सेवा शुरू कर दी गई। शुक्रवार को ही जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि राज्य में चरणबद्ध तरीके से टेलीकॉम सेवाएं बहाल की जाएंगी।
कश्मीर घाटी में लोगों की आवाजाही पर लगे प्रतिबंधों मे ढील दी गई, ताकि कर्मचारी अपने दफ्तर जा सकें। हालांकि, संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों को अलर्ट में रखा गया। सिविल लाइन्स और डल गेट एरिया में निजी वाहनों को चेकिंग के बाद आने-जाने की छूट दे दी गई। कुछ जगहों पर कैब सर्विस भी दोबारा शुरू हुई। वहीं कुछ दुकानों को भी खोला गया है।
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के सरकार के ऐलान से ठीक पहले ही जम्मू कश्मीर में ऐहतियात के तौर पर टेलीकॉम और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। राज्य में धारा-144 लागू कर दी गई थी। इसके अलावा सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए थे। श्रीनगर में तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया।
मुख्य सचिव ने शुक्रवार को बताया था कि घाटी में भी सोमवार से स्कूल खोल दिए जाएंगे। इसके अलावा सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को भी चालू कर दिया जाएगा। राज्य में सरकारी दफ्तर शुक्रवार से ही खुल गए। सुब्रमण्यम ने कहा कि प्रतिबंध लगने के बाद से ही किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई। कहीं भी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ और न ही किसी को गंभीर चोट आई। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के 12 जिलों में सामान्य कामकाज जारी है। सिर्फ 5 जिलों में ही सीमित प्रतिबंध लागू हैं।
कश्मीर घाटी में लोगों की आवाजाही पर लगे प्रतिबंधों मे ढील दी गई, ताकि कर्मचारी अपने दफ्तर जा सकें। हालांकि, संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों को अलर्ट में रखा गया। सिविल लाइन्स और डल गेट एरिया में निजी वाहनों को चेकिंग के बाद आने-जाने की छूट दे दी गई। कुछ जगहों पर कैब सर्विस भी दोबारा शुरू हुई। वहीं कुछ दुकानों को भी खोला गया है।
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के सरकार के ऐलान से ठीक पहले ही जम्मू कश्मीर में ऐहतियात के तौर पर टेलीकॉम और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। राज्य में धारा-144 लागू कर दी गई थी। इसके अलावा सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए थे। श्रीनगर में तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया।
मुख्य सचिव ने शुक्रवार को बताया था कि घाटी में भी सोमवार से स्कूल खोल दिए जाएंगे। इसके अलावा सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को भी चालू कर दिया जाएगा। राज्य में सरकारी दफ्तर शुक्रवार से ही खुल गए। सुब्रमण्यम ने कहा कि प्रतिबंध लगने के बाद से ही किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई। कहीं भी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ और न ही किसी को गंभीर चोट आई। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के 12 जिलों में सामान्य कामकाज जारी है। सिर्फ 5 जिलों में ही सीमित प्रतिबंध लागू हैं।
प्रतिबंध लागू होने के करीब एक हफ्ते बाद ही जम्मू में सामान्य हालात को देखते हुए प्रशासन ने स्कूल-कॉलेज खोलने की अनुमति दे दी। पूरे जम्मू से धारा-144 भी हटा ली गई थी। कड़ी सुरक्षा के बीच वहां स्कूल और कॉलेज भी खुलने लगे थे। हालांकि, कश्मीर घाटी के कई इलाकों में छिटपुट झड़प की खबरें सामने आई थीं। प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि घाटी में स्थिति नियंत्रण में है और किसी भी गंभीर हिंसा की खबर नहीं थी।
जम्मू कश्मीर के प्रमुख सचिव रोहित कंसल के मुताबिक, अफसर सभी प्रतिबंधित इलाकों में स्थिति पर नजर रखे हैं। जहां कहीं भी जरूरत पड़ रही है, वहां प्रतिबंधों में छूट दी जा रही है। कंसल के मुताबिक, अस्पताल, मेडिकल फैसिलिटीज, नेशनल हाईवे और एयरपोर्ट अभी भी सामान्य स्थिति में काम कर रहे हैं।
जम्मू कश्मीर के प्रमुख सचिव रोहित कंसल के मुताबिक, अफसर सभी प्रतिबंधित इलाकों में स्थिति पर नजर रखे हैं। जहां कहीं भी जरूरत पड़ रही है, वहां प्रतिबंधों में छूट दी जा रही है। कंसल के मुताबिक, अस्पताल, मेडिकल फैसिलिटीज, नेशनल हाईवे और एयरपोर्ट अभी भी सामान्य स्थिति में काम कर रहे हैं।