भोपाल। उज्जैन में भगवान महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 300 करोड़ की योजना शुरु होगी। महाकाल मंदिर के विस्तार और व्यवस्थाओं में सुधार के लिए मंत्रिमंडल के सदस्य मंत्रियों की एक त्रिस्तरीय सदस्य समिति गठित होगी। इसके साथ ही महाकाल मंदिर के अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भी केबिनेट में लाया जाएगा।
मुख्यमंत्री कमल नाथ की अध्यक्षता में यह निर्देश आज मंत्रालय में भगवान महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार और सुविधाओं के विस्तार पर हुई बैठक में दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना समय-सीमा पूरी हो जिसमें काम शुरु होने से लेकर उसके पूरे होने तक का समय निर्धारित हो। इसकी मॉनिटरिंग मुख्य सचिव करेंगे।
सिर्फ दर्शन करने नहीं आएं श्रद्धालु: मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि भगवान महाकाल के कारण पूरे विश्व में मध्यप्रदेश की पहचान है। करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के इस केन्द्र का सुनियोजित विकास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु सिर्फ दर्शन करने के लिए नहीं आए बल्कि उज्जैन में ऐसी व्यवस्थाएँ हो जिसके कारण वह एक-दो दिन रूके इसमें महाकाल मंदिर से जुड़ी पौराणिक गाथाएं तथा अन्य आकर्षण शामिल है। इससे उज्जैन शहर और यहाँ के रहवासियों का भी विकास होगा।
मंत्रियों की त्रिस्तरीय समिति में उज्जैन जिले के प्रभारी एवं लोकनिर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, आध्यात्म विभाग के मंत्री पीसी शर्मा एवं नगरीय निकाय मंत्री जयवर्धन सिंह सदस्य होंगे।
यह कमेटी महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं से जुड़े लोगों, जन-प्रतिनिधियों से चर्चा कर विकास और विस्तार के संबंध में आवश्यक निर्णय लेगी।
मुख्यमंत्री ने समिति को निर्देशित किया कि अगले तीन दिन में यह बैठक हो। उन्होंने महाकाल मंदिर एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव भी इसी माह मंत्रिमंडल से अनुमोदित करवाने और 30 सितम्बर तक महाकाल मंदिर के विकास की योजना को अंतिम रूप देकर काम शुरु करने के निर्देश दिए।