नई दिल्ली। खनन और मैन्युफैक्चरिंग के खराब प्रदर्शन के कारण जून में औद्योगिक उत्पादन की ग्रोथ रेट घटकर 2% पर आ गई। यह पिछले चार महीने का सबसे निचला स्तर है। पिछले साल जून में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 7% था। इससे पहले आईआईपी की वृद्धि का निचला स्तर फरवरी में 0.10% रहा था।
जून में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर पिछले साल के 6.90% की तुलना में गिरकर 1.20% पर आ गई। बिजली उत्पादन क्षेत्र की वृद्धि दर भी 8.50% से घटकर 8.20% पर आ गई। वहीं, खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 6.50% से कम होकर 1.60% पर आ गई।
पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में इस बार जून में 6.5% की कमी देखी गई जबकि पिछले साल जून में इसमें 9.70% की तेजी रही थी। वहीं, उपभोक्ता आधारित वर्गीकरण को देखें तो प्राथमिक वस्तुओं में 0.5% की और माध्यमिक वस्तुओं में 12.4% की तेजी देखने को मिली है।
जून में कैपिटल गुड्स की ग्रोथ घटकर -6.5% रही, जो मई में 0.8% फीसदी रही थी। जून में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ग्रोथ घटकर -5.5% हो गई , जो मई में 0.1% थी। कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स ग्रोथ मामूली रूप से बढ़कर 7.8% रही, जो मई महीने में 7.7 फीसदी थी।
जून में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर पिछले साल के 6.90% की तुलना में गिरकर 1.20% पर आ गई। बिजली उत्पादन क्षेत्र की वृद्धि दर भी 8.50% से घटकर 8.20% पर आ गई। वहीं, खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 6.50% से कम होकर 1.60% पर आ गई।
पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में इस बार जून में 6.5% की कमी देखी गई जबकि पिछले साल जून में इसमें 9.70% की तेजी रही थी। वहीं, उपभोक्ता आधारित वर्गीकरण को देखें तो प्राथमिक वस्तुओं में 0.5% की और माध्यमिक वस्तुओं में 12.4% की तेजी देखने को मिली है।
जून में कैपिटल गुड्स की ग्रोथ घटकर -6.5% रही, जो मई में 0.8% फीसदी रही थी। जून में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ग्रोथ घटकर -5.5% हो गई , जो मई में 0.1% थी। कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स ग्रोथ मामूली रूप से बढ़कर 7.8% रही, जो मई महीने में 7.7 फीसदी थी।