नई दिल्ली।. अर्थव्यवस्था में सुस्ती से निपटने के उपायों पर चर्चा के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अलग-अलग इंडस्ट्री के लोगों से चर्चा की। निवेश बढ़ाने और इकोनॉमी में तेजी के लिए इंडस्ट्री ने 1 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की मांग रखी। तीन घंटे चली बैठक के बाद इंडस्ट्री के लोगों ने कहा कि सरकार ने जल्द कदम उठाने का भरोसा दिया है।
पीरामल एंटरप्राइजेज के चेयरमैन अजय पीरामल ने बताया कि बैंकों से कर्ज मिलने में दिक्कतों समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। ऐसा नहीं है कि बैंकों के पास लिक्विडिटी की कमी है लेकिन, कर्ज नहीं दिए जा रहे। पीरामल के मुताबिक सरकार ने कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) में चूक होने पर सख्त प्रावधान लागू नहीं करने का भरोसा भी दिया है।
मंदी से निपटने के लिए स्थायी समाधान जरूरी: इंडस्ट्रीभारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) के अध्यक्ष बीके गोयनका ने कहा कि वैश्विक और घरेलू बाजार में मौजूदा मंदी को देखते हुए स्थाई समाधान की जरूरत है। जेएसडब्ल्यू ग्रुप के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने कहा कि वित्त मंत्री से सकारात्मक फीडबैक मिला है। स्टील, एनबीएफसी और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर समस्याओं से जूझ रहे हैं।
पीरामल एंटरप्राइजेज के चेयरमैन अजय पीरामल ने बताया कि बैंकों से कर्ज मिलने में दिक्कतों समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। ऐसा नहीं है कि बैंकों के पास लिक्विडिटी की कमी है लेकिन, कर्ज नहीं दिए जा रहे। पीरामल के मुताबिक सरकार ने कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) में चूक होने पर सख्त प्रावधान लागू नहीं करने का भरोसा भी दिया है।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के प्रेसिडेंट संदीप सोमानी ने कहा कि बैंकों द्वारा ग्राहकों को ब्याज दरों में कटौती का पूरा फायदा नहीं देना बड़ा मुद्दा है। हम आगे भी ब्याज दरें घटने की उम्मीद करते हैं। आरबीआई ने रेपो रेट में इस साल 110 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। यह उत्साहजनक है।