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जन्म के समय बाल लिंगानुपात वृद्धि में रीवा जिला अव्वल, सात अगस्त को भारत सरकार करेगी सम्मानित

भोपाल :
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना में रीवा जिले ने जन्म के समय बाल लिंगानुपात में अच्छे प्रदर्शन के लिए देश के 10 चयनित जिलों में अव्वल स्थान प्राप्त किया है। जिले में जन्म के समय बाल लिंगानुपात 885 से बढ़कर 934 हो गया है। भारत सरकार के महिला-बाल विकास विभाग द्वारा रीवा जिले को 7 अगस्त को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सम्मानित किया जायेगा। प्रदेश को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तत्कालीन केन्द्रीय महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी ने विगत जनवरी माह में नई दिल्ली में पुरस्कृत किया था।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना में रीवा जिले में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम किये गये। जिले में कम लिंगानुपात वाले ग्रामों का चयन कर वहाँ हर घर दस्तक, शक्ति चौपाल, नुक्कड़ नाटक, कठपुतली शो आदि किये गये। साथ ही ऐसे परिवार, जिनमें कक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त केवल बेटियाँ है, को सम्मानित किया गया। कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिये कार्यशाला, जागरूकता रैली, मानव श्रंखला, रंगोली प्रतियोगिता, आँगनवाड़ी केन्द्रों में जन्मोत्सव एवं बिटिया उत्सव का आयोजन किया गया। महिला-बाल विकास विभाग द्वारा जिला एवं परियोजना स्तर पर विद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यशाला की गई। अस्पतालों में नवजात बालिकाओं और उनके परिजनों का स्वागत किया गया।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चयनित जिलों में प्रदेश के 6 जिले रीवा, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया और टीकमगढ़ को शामिल किया गया है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार रीवा जिले में जन्म के समय बाल लिंगानुपात 885 था। जिले को अप्रैल 2016 में योजना में शामिल किया गया था, तब बाल लिंगानुपात 919 था, जो वर्ष 2018-19 में बढ़कर 934 हो गया है।

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