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मुंबई का डान बनना चाहता था आरोपी, गर्लफ्रेंड के साथ पब और पार्टियों में जाने का है शौकीन

इंदौर। उद्योगपति रमेश बाहेती को फोन कर रुपए नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी देने वाले आरोपी को क्राइम ब्रांच ने मुंबई से गिरफ्तार किया है। आरोपी मुंबई के गुंडे के नाम का उपयोग कर उद्याेगपतियों को धमकाकर उनसे रुपए वसूलता था। वह गर्लफ्रेंड के साथ डांस बार, पब और पार्टियों में जाने का शौकीन है। रुपयों की जरूरत के चलते उसने एक उद्योगपति के कहने पर वसूली के लिए कॉल किया था। आरोपी पर हत्या का प्रयास, चाकूबाजी सहित कई केस थाने में दर्ज है।
इंदौर के उद्योगपति बाहेती को मुंबई के गैंगस्टर ने दी धमकी लेनदेन का हिसाब क्लियर कर लो वरना ठीक नहीं होगा
इंदौर एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने बताया कि कनाड़िया में कुछ दिन पूर्व उद्योगपति रमेश बाहेती ने शिकायत की थी कि दो अलग-अलग नंबरों से एक अज्ञात व्यक्ति उन्हें कॉल कर रहा है। वह आए दिन उन्हें धमकाकर रुपयों की मांग करता है।
पुलिस ने केस दर्ज कर मोबाइल नंबर की जानकारी निकाली तो सूरज दुबे पिता समरसेन दुबे निवासी मिरकुट की चाल कल्याण वेस्ट मुंबई के नाम पर पंजीकृत होना पाया गया। इसके बाद पुलिस मुंबई पहुंची और उसे हिरासत में लिया। उसका मोबाइल जांचने पर उसमें से फरियादी का नंबर मिला और वो मैसेज भी मिले जो फरियादी को भेजे गए थे। पुलिस ने मोबाइल जब्त कर आरोपी से पूछताछ की तो पता चला कि उसका नाम सूरज दुबे पिता समरसेन दुबे रामबाग कल्याण वेस्ट मुंबई का होना बताया। इसके बाद पुलिस आरोपी को पकड़कर इंदौर ले आई।
12वीं तक पढ़ा है आरोपी
आरोपी ने बताया कि वह 12वीं तक पढ़ा है, पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं। उसे मुबंई के डांस बार, क्लब आदि में गर्लफ्रेंड के साथ जाकर अय्याशी करने का शौक है। इसलिए रुपयों की जरूरत के चलते उसने बिजनेसमैन और बड़े लोगों को धमकाकर उनसे वसूली का धंधा शुरू किया। उसने कई लोगों के लेन-देन के विवाद को निपटाकर भी दलाली खाई।
आरोपी ने बताया कि उसने प्रथमेश परब के नाम का उपयोग कर मुबंई, पुणे के कई व्यापारियों को डरा-धमका कर लेन-देन का सेटलमेंट कराया और लाखों रुपए कमाए। आरोपी को प्रथमेश परब समझकर उससे व्यवहार बनाने के लिए मुंबई के कई बड़े व्यापारियों ने उसे लाखों रुपए दिए। आरोपी ने बताया कि उसका संपर्क चिराग जोशी नामक बिल्डर से हुआ था। चिराग ने आरोपी से कहा कि इंदौर की कंपनी एसटीएल के मालिक से उसे करोड़ों रुपए लेने हैं। रुपए दिलवाने के एवज में उसे भी मोटी रकम मिलेगी। इसी लालच में उसने एसटीएल कंपनी के मालिक प्रशांत अग्रवाल को कॉल किया।
उन्होंने बताया कि वह कंपनी उन्होंने 2010 में खरीदी है और जिस पेमेंट के लेनदेन की वह बात कर रहा है, वह वर्ष 2007 -08 का है। उस समय कंपनी का मालिकाना हक उद्योगपति रमेश बाहेती का था। इसलिए शेष लेन-देन की राशि का भुगतान वही करेंगे।

आरोपी ने रमेश बाहेती का नंबर ज्ञात कर उन्हें फोन करना शुरू कर दिया। उसने रमेश बाहेती को भी फोन लगाकर खुद को प्रथमेश परब बताया और पेमेंट सेटल करने की बात कही। डाॅक्टर बाहेती ने जब फोन काट दिया, तो उसने वाट्सएप मैसेज में तथा वाइस मैसेज भेजकर डराया धमकाया कि अगर पेमेंट सेटल नहीं करोगे तो अंजाम ठीक नहीं होगा।

आरोपी ने बताया कि वह प्रथमेश परब के नाम का इस्तेमाल इसलिए करता था, ताकि लोग डर के कारण उसे पैसा दे दें। क्योंकि प्रथमेश मुंबई का नामी गुंडा है। आरोपी ने बताया कि वह इस प्रकार लोगों को डरा धमकाकर अब तक लाखों रुपए कमा चुका है।

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