दतिया/सेंवढ़ा। स्थानीय हनुमान चौराहा के पास रहने वाले एक युवक का शव कमरे के अंदर सड़ी गली हालत में मिला। शुक्रवार देर रात मोहल्ले के लोगों को दुर्गंध आई तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो एक युवक की लाश बेड पर पड़ी थी और उसी की बदबू पूरे मोहल्ले में फैल रही थी। पुलिस ने शव का पीएम कराया। पीएम में सामने आया कि युवक की मौत 48 घंटे पहले हुई थी। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।
जानकारी के अनुसार हनुमान चौराहा के रहने वाले डॉ. पद्मलोचन दीक्षित के घर से दुर्गंध आ रही थी। शुक्रवार रात मोहल्ले के लोगों ने पुलिस को सूचना देकर बताया गया। कुछ देर में ही एसडीओपी नरेंद्र सिंह गहरवार पुलिस अमले के साथ मौके पर पहुंची और दीक्षित के घर का दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो उनका 35 वर्षीय पुत्र गौरव बेड पर मृत हालत में पड़ा था। लाश सड़ चुकी थी।
डॉ. पद्मलोचन दीक्षित थरेट में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। उनके दो बेटे थे। एक बेटे सौरभ दीक्षित की मौत लगभग आठ माह पूर्व झांसी में सड़क दुर्घटना में हो गई थी। इस मौत के बाद से ही परिवार सदमे में था। सौरभ का छोटा भाई गौरव भी विक्षिप्त सा रहने लगा। पड़ोसियों के अनुसार वह नशे का भी आदी हो गया और इसी कारण मोहल्ले के लोगों ने उससे संपर्क रखना बंद कर दिया। लगभग तीन दिन पूर्व पिता पद्मलोचन दीक्षित अपनी बेटी के घर छतरपुर चले गए।
घर पर गौरव अकेला था। तीन दिन तक वह घर से नहीं निकला। शुक्रवार शाम जब अंदर से बदबू आने लगी तो लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मृतक गौरव के पिता पद्मलोचन दीक्षित ने बताया कि गौरव का व्यवहार कुछ दिनों से अच्छा नहीं था। उसे 151 में जेल भी भिजवाया था।
जानकारी के अनुसार हनुमान चौराहा के रहने वाले डॉ. पद्मलोचन दीक्षित के घर से दुर्गंध आ रही थी। शुक्रवार रात मोहल्ले के लोगों ने पुलिस को सूचना देकर बताया गया। कुछ देर में ही एसडीओपी नरेंद्र सिंह गहरवार पुलिस अमले के साथ मौके पर पहुंची और दीक्षित के घर का दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो उनका 35 वर्षीय पुत्र गौरव बेड पर मृत हालत में पड़ा था। लाश सड़ चुकी थी।
डॉ. पद्मलोचन दीक्षित थरेट में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। उनके दो बेटे थे। एक बेटे सौरभ दीक्षित की मौत लगभग आठ माह पूर्व झांसी में सड़क दुर्घटना में हो गई थी। इस मौत के बाद से ही परिवार सदमे में था। सौरभ का छोटा भाई गौरव भी विक्षिप्त सा रहने लगा। पड़ोसियों के अनुसार वह नशे का भी आदी हो गया और इसी कारण मोहल्ले के लोगों ने उससे संपर्क रखना बंद कर दिया। लगभग तीन दिन पूर्व पिता पद्मलोचन दीक्षित अपनी बेटी के घर छतरपुर चले गए।
घर पर गौरव अकेला था। तीन दिन तक वह घर से नहीं निकला। शुक्रवार शाम जब अंदर से बदबू आने लगी तो लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मृतक गौरव के पिता पद्मलोचन दीक्षित ने बताया कि गौरव का व्यवहार कुछ दिनों से अच्छा नहीं था। उसे 151 में जेल भी भिजवाया था।