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बहीखाते की गाथा: वित्त मंत्री की इस रिश्तेदार ने बनाकर दी थी लाल पोटली

नई दिल्ली।  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आजादी से चले आ रहे ब्रीफकेस के ट्रेंड को खत्म कर दिया है। वे परंपरा बदलते हुए ब्रीफकेस की जगह एक फोल्डर में बजट लेकर निकलीं। अंतरिम बजट में पीयूष गोयल ने लाल रंग के ब्रीफकेस का प्रयोग किया था। शनिवार को वित्त मंत्री ने खुलासा किया कि उनकी मामी ने उन्हें यह बस्ता बनाकर दिया था।
वित्त मंत्री को ब्रीफकेस पसंद नहीं
इस संदर्भ में सीतारमण ने कहा कि, 'सूटकेस, ब्रीफकेस मुझे पसंद नहीं आता। यह अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है। हमें यह पसंद नहीं। फिर मेरी मामी ने मुझे लाल कपड़े का बस्ता बनाकर दिया। उन्होंने पूजा-अर्चना करने के बाद मुझे यह लाल बस्ता दिया। यह घर का थैला नहीं लगे इसलिए सरकारी पहचान देने के लिए उस पर अशोक स्तंभ का चिन्ह लगाया गया।'
यहां से आया विचार
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में हर क्षेत्र में अपनी परंपरायें हैं। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन हो या घर, दुकान के नये बहीखातों की शुरुआत का मौका, उसका लाल कवर होता है, लाल कपड़े में लपेटा जाता है और उस पर कुमकुम, हल्दी, चंदन लगाकर अथवा शुभ लाभ लिखकर शुरुआत की जाती है। 'मैं यही सोचकर लाल कवर लेकर आई और उसमें बजट लेकर जाने की बात कही। लेकिन मुझे घर में कहा गया कि ऐसा करने पर दस्तावेज संसद ले जाते समय गिर सकते हैं तब मामी ने लाल कपड़े का यह बस्ता बनाकर दिया। उन्होंने उसे खुद अपने हाथों से सिला।' इसके बाद उन्होंने कहा कि उनके बस्ते को जनता ने बहीखाता का नाम दिया। 

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